भारत के सचिन सिंह ने (49 किग्रा) एआईबीए युवा विश्व चैम्पियनशिप में आज स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज बन गये। उन्होंने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में खिताबी भिड़ंत में क्यूबाई राष्ट्रीय चैम्पियन जोर्गे ग्रिनान को सर्वसम्मत फैसले में पराजित किया।भारत के इस 16 वर्ष के मुक्केबाज ने अपने से बेहतर मुक्केबाज को 5 . 0 से रौंदकर उलटफेर कर दिया।
सचिन ने शानदार जीत के बाद सेंट पीटर्सबर्ग से फोन पर कहा मेरे दो हमवतन मुक्केबाज टूर्नामेंट के शुरू में क्यूबा के मुक्केबाजों से हार गये थे, मैं बदला लेना चाहता था और मैं खुश हूं कि मैं ऐसा कर सका। अपने से मजबूत और बेहतर प्रतिद्वंद्वी को पराजित करना संतोषजनक है, विशेषकर अगर यह क्यूबाई मुक्केबाज के खिलाफ हुआ है।
उन्होंने कहा यह मेरे करियर का बड़ा क्षण है। मैंने इस टूर्नामेंट में पांच बाउट खेलीं और मैं खुश हूं कि मैं इस तरह का प्रदर्शन करने में सफल रहा। क्यूबाई मुक्केबाज बहुत अच्छा था लेकिन बस वह मुझे अपनी रणनीति में नहीं फंसा सका। मैंने उसे अपने करीब नहीं आने दिया।भारत ने इस तरह टूर्नामेंट में एक स्वर्ण और एक कांस्य अपने नाम किया, जो 2014 चरण से बेहतर प्रदर्शन है जिसमें उसने एक कांस्य पदक जीता था।
नमन तंवर (91 किग्रा) ने कल सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक अपने नाम किया था। सचिन इस तरह थाकचोम ननाओ सिंह और विकास कृष्ण के साथ भारत के युवा विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण क्लब में शामिल हो गये। ननाओ ने 2008 के चरण में 48 किग्रा में जबकि विकास 2010 में वेल्टरवेट में पहला स्थान हासिल किया था।
नव गठित भारतीय मुक्केबाजी संघ ने रूस जाने से पहले रवानगी कार्यक्रम में दौरान किये गये वादे को पूरा करते हुए सचिन के लिये एक लाख रूपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की जबकि नमन को 25,000 रूपये दिये जायेंगे। बीएफआई ने टीम के साथ गये कोचों के लिये भी पुरस्कार का वादा किया।