रियो ओलंपिक में सिंधु ने चीनी खिलाड़ी यिहान वांग को हराया

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बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने उलटफेर करते हुए चीनी प्रतिद्वंद्वी यिहान वांग पर शानदार जीत के साथ रियो ओलंपिक के महिला एकल वर्ग के सेमीफाइनल में स्थान पक्का कर लिया है। विश्व चैंपियनशिप में दो बार कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु ने पूर्व विश्व विजेता और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत जीतने वाली वांग को भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह रियोसेंट्रो पवेलियन-4 में 22-20, 21-19 से हराया।

सिंधु और मौजूदा विश्व नंबर-2 के बीच यह मैच 54 मिनट तक चला। वांग और सिंधु के बीच यह अब तक का सातवां मुकाबला था। तीन मैचों में सिंधु विजयी रही हैं जबकि शेष में वांग ने बाजी मारी है। यह अलग बात है कि सिंधु ने अहम पड़ाव पर वांग पर अपनी तीसरी जीत दर्ज करते हुए उन्हें ओलंपिक जैसे बड़े आयोजन से बाहर कर दिया है।

अगले दौर में सिंधु का सामना जापान की निजोमी ओकुहारा से होगा। ओकुहारा ने अंतिम क्वार्टर फाइनल मैच में अपने ही देश की अकाने यामागुची को 11-21, 21-17, 21-10 से हराया। यह मैच एक घंटा 10 मिनट चला।ओकुहारा की यामागुची पर छह मुकाबलों में छठी जीत है। ओकुहारा और सिंधु के बीच अब तक चार मुकाबले हुए हैं, जिनमें से एक में सिंधु को जीत मिली है।

साल 2012 में सिंधु ने एशिया यूथ चैंपियनशिप में ओकुहारा को हराया था लेकिन इसके बाद के तीन मुकाबले में उन्हें इस जापानी खिलाड़ी के हाथों हार मिली है।दूसरे सेमीफाइल में विश्व की नंबर-1 खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मारिन और चीन की ली जुईरेई भिड़ेंगी। मारिन और जुईरेई के बीच यह छठा मैच होगा। तीन में जुईरेई और दो में मारिन विजयी रही हैं। सेमीफाइनल मैच 18 अगस्त को होंगे।

अपने क्वार्टर फाइनल मैच के बाद सिंधु ने कहा था कि वह क्वार्टर फाइनल में अपना फार्म जारी रखते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय करना चाहती है। सिंघु ने कहा, ‘हां, यह मेरी सबसे संतोषजनक जीत है। मैं वांग के खिलाफ कई बार खेली हूं। इससे पहले उनकी रणनीति अलग हुआ करती थी लेकिन इस दफा वह बिल्कुल अलग तरह से खेलीं। मैं उम्मीद करती हूं कि सेमीफाइनल में भी मेरा यह फार्म बरकरार रहेगा।’

सिंधु के कोच और उनके प्रेरणास्रोत पुलेला गोपीचंद ने अपनी इस शिष्या की जमकर तारीफ की। गोपीचंद ने कहा कि मैं समझता हूं कि सिंधु वाकई बहुत शानदार खेलीं। वह बिल्कुल स्पष्ट रणनीति के साथ खेल रही थीं और इस तरह के बड़े मैचो में आपकी रणनीति स्पष्ट होनी जरूरी है। कुल मिलाकर सिंधु ने शानदार खेल दिखाया और मानसिक रूप से काफी मजबूत दिखीं। यह अच्छा संकेत है। कुछ क्षेत्रों में सुधार के बाद सिंधु को हराना मुश्किल होगा।

बहरहाल, पूर्व एशियाई और विश्व चैंपियन वांग के खिलाफ इस कठिन मुकाबले में जीत के साथ सिंधु ने यह सुनिश्चित करने की ओर से एक बड़ा कदम बढ़ाया है कि भारत को 1992 के बाद पहली बार ओलंपिक से बैडमिंटन में खाली हाथ नहीं लौटना होगा। पुरुष वर्ग मे भी भारत के लिए पदक की उम्मीदें हैं क्योकि किदाम्बी श्रीकांत एकल मुकाबले के क्वार्टर फाइलन में पहुंच चुके हैं।

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