ओडिशा में 22वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का हुआ आगाज

भारत गुरूवार से शुरू हो रही 22वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए शीर्ष स्तरीय सुविधाएं मुहैया कराने में सफल रहा है. उसका लक्ष्य इस चैंपियनशिप की पदक तालिका में शीर्ष तीन में जगह बनाने पर है.ओड़िशा की राजधानी में 44 देशों के 800 से अधिक एथलीट 42 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे. भारत में तीसरी बार इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है.

इससे पहले 1989 में दिल्ली और 2013 में पुणे में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा चुका है.अब तक हुई चैंपियनशिप की तरह मौजूदा चैंपियनशिप में भी कई शीर्ष एथलीटों ने नहीं खेलने का फैसला किया है जिससे हर दो साल में होने वाली इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता की चमक कुछ फीकी हुई है. विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन भी इसी साल होना है इसलिए कई शीर्ष एथलीटों ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है.

वहीं चीन प्रतियोगिता में 50 से अधिक एथलीट उतार रहा है लेकिन शीर्ष जंपिंग खिलाड़ी डोंग बिन, रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता तार गोला फेंक के झांग वेनशियू और कुछ अन्य स्टार खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं हैं.पिछली चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहे कतर ने अपनी 10 सदस्यीय टीम में लॉन्ग जंप के मुस्ताज इसा बाशर्मि को शामिल नहीं किया है जिन्होंने हाल में प्रतिष्ठित डाइमंड लीग के दोहा चरण में स्वर्ण पदक जीता था.

बहरीन के रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता रथ जेबेत 3000 मीटर स्टीपलचेज, कजाखस्तान की महिला जंपिंग खिलाड़ी ओल्गा रिपाकोवा (रियो में कांस्य) और जापान के युवा धावक अब्दुल हाकिम सानी ब्राउन भी चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे.एशियाई चैंपियनशिप में 14 एथलीट अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगे जिसमें रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता ताजिकिस्तान के हैमर थ्रो (तार गोला फेंक) खिलाड़ी दिलशोद नजारोव शामिल हैं.

इस चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता को अगस्त में लंदन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में सीधे प्रवेश मिलेगा.कई शीर्ष एथलीटों की गैरमौजूदगी में भी चीन का दबदबा जारी रहने की उम्मीद है. पचास से अधिक एथलीटों के साथ उतर रहे जापान और कोरिया की 23 सदस्यीय टीम शीर्ष पांच में जगह बनाने की कोशिश करेगी.

विश्व स्तर पर कमजोर माने जाने वाला भारत एशियाई स्तर पर मजबूत है और एशियाई चैंपियनशिप में सर्वकालिक सर्वाधिक पदक जीतने वाले देशों की सूची में चीन और जापान के बाद तीसरे नंबर पर है.भारत ने चैंपियनशिप के लिए 95 सदस्यीय सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध टीम चुनी है जिसमें 46 महिलाएं भी शामिल हैं. भारत ने इस चैंपियनशिप की सबसे बड़ी टीम उतारी है.

भारत वुहान (चीन का एक शहर) में पिछली चैंपियनशिप में 13 पदक (चार स्वर्ण, पांच रजत और चार कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर था लेकिन इस बार टीम को अधिक स्वर्ण के साथ अधिक पदक की उम्मीद है.भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को कम से कम पांच स्वर्ण सहित 15 से 20 पदक जीतने की उम्मीद है. भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1985 में जकार्ता में रहा था जब उसने 10 स्वर्ण, पांच रजत और सात कांस्य पदक सहित कुल 22 पदक जीते थे.

भारत की ओर से स्वर्ण पदक के दावेदारों में नीरज चोपड़ा और मनप्रीत कौर जेवलिन थ्रो (भाला फेंक), मोहम्मद अनस 400 मीटर, महिला 4×400 मीटर रिले दौड़ शामिल है.वहीं पिछली चैंपियनशिप में 3000 मीटर वुमन स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीतने वाली ललिता बाबर को टीम में जगह नहीं मिली है क्योंकि हाल ही में उनकी शादी हुई है.

पहले रांची को इस प्रतियोगिता की मेजबानी करनी थी लेकिन वित्तीय समस्याओं के चलते मार्च में उन्होंने प्रतियोगिता की मेजबानी में असमर्थता जताई और इसके बाद एएफआई ने दूसरे मेजबान की तलाश शुरू की जिसके बाद भुवनेश्वर इसके लिए तैयार हो गया.ओड़िशा सरकार ने इस चुनौती को स्वीकार किया और कलिंगा स्टेडियम में बिलकुल नया ट्रैक और अन्य सुविधाएं तैयार की.

इस बीच पाकिस्तान ने समय पर वीजा मिलने के बाद टूर्नामेंट के लिए अपनी छह सदस्यीय टीम भेजी है.गुरूवार को प्रतियोगिता के पहले दिन भारत अपने स्वर्ण पदक का खाता खोल सकता है क्योंकि मनप्रीत के पास महिला शॉट-पुट (गोला फेंक) में स्वर्ण पदक जीतने का मौका है. उन्होंने हाल ही में चीन में 18.86 मीटर के प्रयास के साथ अपना राष्ट्रीय रिकार्ड बेहतर किया है.

डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) के अनुभवी खिलाड़ी विकास गौड़ा भी कल चुनौती पेश करेंगे लेकिन यह देखना होगा कि वह एशियाई चैंपियनशिप में खिताब की हैट्रिक बना पाते हैं या नहीं.वुमन्स लॉन्ग जंप में नयना जेम्स पदक की दावेदार हैं जबकि वुमन्स जैवलिन थ्रो में अनु रानी से पदक की उम्मीद जताई जा रही है.

जैवलिन थ्रो में विश्व जूनियर रिकार्ड बनाने वाले नीरज को स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन उन्हें गत चैंपियन हुआंग शीह फेंग और चाओ सुन चेंग से कड़ी टक्कर मिलेगी.जैवलिन थ्रो में देविंदर सिंह कांग भी चुनौती पेश करेंगे जिन्हें मारीजुआना के लिए पॉजीटिव पाया गया था. उन्हें अस्थाई तौर पर निलंबित नहीं किया गया क्योंकि वाडा की संहिता के तहत मारीजुआना विशिष्ट पदार्थ है.

शॉट पुट में तेजिंदर पाल सिंह डोपिंग मामले में फंसे पिछली बार के चैंपियन इंदरजीत सिंह की गैरमौजूदगी में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगे. मेजबान राज्य ओड़िशा से धावक दुती चंद, श्रावणी नंदा, अमय कुमार मलिक और हेप्टाथलन की पूणर्मिा हेमब्राम शामिल हैं.

Check Also

विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप के ग्रुप चरण में भारत ने जर्मनी को 3-1 से हराकर किया उलटफेर

भारत ने विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप के ग्रुप चरण में दूसरी वरीय जर्मनी को 3-1 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *