साल 2006 में पुरी से भुवनेश्वर के बीच 65 किमी की दौड़ पूरी करने वाले मैराथन बॉय बुधिया सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं.बुधिया भुवनेश्वार के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हॉस्टल से गायब हो गए हैं. बुधिया शहर के ही डीएवी इंग्लिश मीडियम स्कूल में नौंवी कक्षा में पढ़ता है. गर्मियों की छुटि्टयों के खत्म होने के बाद उसे सांई हॉस्टल में वापस लौट आना था.
उनकी कोच रुपानिता पांडा ने बताया कि वह भुवनेश्वर की मलिन बस्ती में रहने वाली बुधिया की मां को पिछले महीने दो पत्र भेज चुकी हैं. मगर, बुधिया कहां है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.खुर्दा जिले के बाल कल्याण समिति की सलाह पर काम करते हुए ओडिशा सरकार ने सितंबर 2007 में उसका दाखिला सांई हॉस्टल में कराया था. समिति ने उसके मैराथन दौड़ में शामिल होने से यह कहते हुए रोक लगाई थी कि इससे उसकी लंबी हड्डियों के विकास में बाधा हो सकती है.
हालांकि, उसके पूर्व कोच बिरांची दास उसे ओलिंपिक मैराथन में दौड़ते हुए देखने के इच्छुक थे. सांई हॉस्टल में राज्य सरकार बुधिया की शिक्षा, कपड़ों और खाने का खर्च उठा रही है.बुधिया ने कहा था कि मैं मैराथन रनिंग के लिए स्पेशलाइज्ड कोचिंग चाहता हूं. मेरा मानना है कि मेरा जन्म मैराथन के लिए हुआ है. अब भी मैं घंटों तक बिना थके दौड़ सकता हूं. इसके लिए मुझे न तो जरूरी कोचिंग मिल रही है और न ही वैसा भोजन. मुझे सिर्फ तीन से चार पीस चिकन के मिल रहे हैं.