निशानेबाज मैराज अहमद खान ने अपने 12 साल के करियर में सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए इटली के लोनाटो में आज आईएसएसएफ शाटगन विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिये रियो ओलंपिक खेलों का कोटा हासिल किया। 40 साल के मैराज पुरूष स्कीट प्रतियोगिता में क्वालीफिकेशन के कल हुए पहले तीन दौर के बाद 74 के स्कोर के साथ नौवें स्थान पर चल रहे थे। उन्होंने पांच दौर के बाद 125 में से 122 स्कोर बनाकर छठे स्थान पर रहते हुए स्कीट फाइनल में प्रवेश किया। शीर्ष पांच में स्थान बनाने वाले सभी निशानेबाज पहले ही रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर चुके थे और ऐसे में मैराज ने दो उपलब्ध कोटा स्थानों में से एक हासिल कर दिया।
दूसरा कोटा स्थान जर्मनी के राल्फ बुचीम को मिला जो क्वालीफिकेशन दौर में आठवें स्थान पर रहे थे। यह भारत का शाटगन स्पर्धाओं में पहला ओलंपिक कोटा है। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रानिंदर सिंह ने इस पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘इस प्रदर्शन और कोटा स्थान से मुझे बहुत अधिक संतोष मिला है क्योंकि मैं शाटगन निशानेबाज है और यह मेरे दिल के करीब है।’
नोएडा में रहने वाले मैराज उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा के रहने वाले हैं। उन्होंने दिल्ली 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में टीम स्कीट में स्वर्ण पदक जीता था। निशानेबाजी में मैराज से पहले जिन खिलाड़ियों ने कोटा हासिल किया है उनमें ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता गगन नारंग, पिस्टल निशानेबाज जीतू राय, गुरप्रीत सिंह, प्रकाश नानजप्पा, चैन सिंह और अपूर्वी चंदेला शामिल हैं। भारत के पास नवंबर में एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में भी कोटा हासिल करने का मौका रहेगा।