अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने दांव-पेंच से विरोधियों को चित्त कर देने वाले 28 साल की कराटे खिलाड़ी वंदना सूर्यवंशी को गरीबी के चलते चाय बेचने को मजबूर हैं। खराब आर्थिक स्थिति के कारण वंदना चाय की दुकान चलाने को मजबूर वंदना बच्चों को फ्री में कराटे क्लास भी देती है। गौरतलब है कि कराटे के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में रजत और राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं।
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