वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में भारत की पीवी सिंधु का गोल्ड जीतने का सपना टूट गया। रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में जापान की शटलर नोजोमी ओकुहारा ने सिंधु को हरा दिया। इसके साथ ही वे इस टूर्नामेंट में सिल्वर जीतने वाली भारत की दूसरी शटलर बन गईं। भारत ने इस टूर्नामेंट में दो मेडल जीते। शनिवार को साइना ब्रोंज जीतकर बाहर हो गई थीं।
फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने सिंधु को 21-19, 20-22 और 22-20 से हरा दिया। ये हाईवोल्टेज मुकाबला 1 घंटे 50 मिनट तक चला।मुकाबले के दौरान पहले गेम में सिंधु ने लगातार आठ अंक लेते हुए 11-5 की बढ़त बनाई, लेकिन ओकुहारा ने जोरदार वापसी करते हुए 21-19 से पहला गेम जीत लिया।
दूसरा गेम और भी ज्यादा रोमांचक रहा और 38 मिनट तक चला। ये गेम सिंधु ने 22-20 से जीता और मैच में स्कोर एक-एक से बराबर कर लिया।तीसरा गेम जापानी शटलर ने 22-20 के स्कोर से जीत लिया। इस गेम में सिंधु ने जापानी शटलर का जमकर मुकाबला किया, लेकिन फिर भी वे करीबी अंतर से हार गईं।
इस हार के बाद जापान की ओकुहारा के खिलाफ सिंधु का करियर रिकॉर्ड 3 जीत और 4 हार का हो गया है।सिंधु का सफर सिल्वर मेडल के साथ खत्म हो गया। वे साइना के बाद सिल्वर जीतने वाली दूसरी इंडियन शटलर हैं। साइना ने साल 2015 में सिल्वर जीता था।
सिंधु की हार के साथ ही भारत के हाथों पहला वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप खिताब जीतने का मौका निकल गया।अगर सिंधु गोल्ड जीत जातीं, तो वे इस चैम्पियनशिप में ऐसा करने वाली पहली इंडियन शटलर होतीं।इस टूर्नामेंट की हिस्ट्री में ये पहला मौका है जब भारत ने एक ही चैम्पियनशिप में दो मेडल जीते हैं। सिंधु को सिल्वर और साइना नेहवाल ने ब्रोंज मेडल जीता।
शनिवार को खेले गए पहले सेमीफाइनल में हार के साथ भारत की साइना नेहवाल ने ब्रोंज मेडल जीता था। उन्हें भी ओकुहारा ने ही हराया था।वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के साथ ही सिंधु ने अपना तीसरा मेडल भी जीत लिया।सिंधु ने इससे पहले इस टूर्नामेंट में साल 2013 और 2014 में ब्रोंज मेडल जीता था।
सिंधु ने इस चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में नौंवीं सीड चीन की चेन यूफेई को लगातार गेमों में हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।22 साल की सिंधु ने सेमीफाइनल मुकाबला 21-13 और 21-10 से एकतरफा अंदाज में 48 मिनट में जीत लिया था।