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कॉमनवेल्थ में पहली बार भारतीय बैडमिंटन मिक्स्ड टीम को गोल्ड, 3 बार के चैम्पियन मलेशिया को हराया

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने बैडमिंटन मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड जीता। फाइनल में उसने तीन बार के चैम्पियन मलेशिया को 3-1 से हराया। इस इवेंट में भारत ने 40 साल बाद गोल्ड जीता है, क्योंकि इस इवेंट को कॉमनवेल्थ गेम्स में 1978 में पहली बार शामिल किया गया था।

कॉमनवेल्थ गेम्स के बैडमिंटन में भारत के अब 20 मेडल हो चुके हैं। इससे पहले भारत ने मेन्स टेबल टेनिस टीम इवेंट का भी गोल्ड अपने नाम किया। खिताबी मुकाबले में उसने नाइजीरिया को 3-0 से हराया।अश्विनी पोनप्पा और सात्विक रंकीरेड्‌डी ने मलेशिया की लियु यिंग गोह और पेंग सून चान की जोड़ी के खिलाफ पहला सेट 21-15 के अंतर से जीता।

 

 दूसरे सेट में अश्विनी और सात्विक के बीच तालमेल गड़बड़ाया और गोह-चान की जोड़ी ने स्कोर 21-14 कर इसे जीत लिया।तीसरे सेट में एक समय भारतीय जोड़ी 7-12 से पीछे थी, लेकिन उसने लगातार आठ प्वाइंट लिए। स्कोर 15-12 कर लिया। बाद में लीड बरकरार रखते हुए 21-15 से सेट और पहला मिक्सड डबल्स अपने नाम कर लिया।

पहले सेट में किदांबी श्रीकांत ने मलेशिया के ली चोंग वी को 21-17 से हराया। दूसरा सेट 21-14 से जीतकर भारत की लीड 2-0 कर दी। श्रीकांत ने पूरे मैच के दौरान अपने से कहीं अनुभवी ली चोंग को कभी भी संभलने का मौका नहीं दिया।ली चोंग वी 2006 और 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में मेन्स सिंगल्स इवेंट में चैम्पियन रह चुके हैं।

पहले सेट में मलेशिया के वी शेम गोह और वी कियोंग तान ने भारत के सात्विक रंकीरेड्‌डी और चिराग चंद्रशेखर शेट्‌टी की जोड़ी को 21-15 से हरा दिया। यह सेट 17 मिनट तक चला।दूसरे सेट में सात्विक और चिराग ड्यूस कराने में सफल रहे, लेकिन तान और गोह का अनुभव भारी पड़ा और उन्होंने 22-20 से जीत दर्ज की। साथ ही भारत की लीड 2-1 कर दी।

साइना नेहवाल ने मलेशिया की सोनिया चियाह को 19 मिनट में 21-11 से हराकर पहला सेट जीत लिया।दूसरे सेट में साइना 13-11 से आगे चल रही थीं। तभी सोनिया के हाथ में चोट लगी और उन्होंने मेडिकल टाइम आउट लिया। बाद में सोनिया ने यह सेट 21-19 से जीत लिया। यह मुकाबला 27 मिनट तक चला।

तीसरे सेट में साइना ने 18 मिनट में सोनिया की चुनौती तोड़ दी। उन्होंने 21-9 से सेट और मैच जीत लिया। साथ ही भारत की झोली में गोल्ड डाल दिया।साइना और अश्विनी पोनप्पा कॉमनवेल्थ गेम्स में दो गोल्ड जीतने वाली भारतीय शटलर बन गईं हैं।

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