भारत की पीवी सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराया

भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया। सिंधु ने स्विट्जरलैंड के बासेल में हुआ खिताबी मुकाबला  21-7, 21-7 से 38 मिनट में अपने नाम कर लिया।

वे इस टूर्नामेंट के 42 साल के इतिहास में चैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय बन गईं। सिंधु 2018, 2017 में रजत और 2013, 2014 में कांस्य पदक जीती थीं।

इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों में साइना नेहवाल 2015 के फाइनल में हार गई थीं। पुरुषों में 1983 में प्रकाश पादुकोण और इस साल बी साई प्रणीत कांस्य पदक जीते थे। 

ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी 2011 में महिला डबल्स में कांस्य जीती थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु को इस जीत पर बधाई दी। उन्होंने कहा- आश्चर्यजनक रूप से प्रतिभाशाली पीवी सिंधु ने फिर भारत को गर्व महसूसस कराया।

बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैम्पियशिप में गोल्ड जीतने के लिए उन्हें बधाई। जिस जुनून और लगन से वे बैडमिंटन खेलती हैं वो प्रेरणा देने वाला है। सिंधु की सफलता अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरणा देगी।

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