आकाशदीप सिंह के दो शानदार मैदानी गोलों की मदद से भारतीय हॉकी टीम ने कलिंगा स्टेडियम में शनिवार को हुए चार मैचों की टेस्ट सीरीज के अंतिम मुकाबले में जापान को 4-0 से हरा दिया। इसके साथ ही भारत ने यह सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली। विश्व वरीयता क्रम में भारत नौवें और जापान 16वें स्थान पर है।
जापान ने पहले मुकाबले में भारत को 1-1 की बराबरी पर रोका था, इसके बाद भारत ने दूसरा मुकाबला 2-0 और तीसरा मुकाबला 2-1 से जीता। भारत के लिए आकाशदीप के अलावा वी. आर. रघुनाथ और धर्मवीर सिंह ने भी एक-एक गोल किया। रघुनाथ ने पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल किया जबकि धर्मवीर का गोल मैदानी रहा। सीरीज को 3-0 से अपने नाम करने का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया।
जापान ने भी हालांकि कई मौकों पर उसे मुंह तोड़ जवाब देने का प्रयास किया लेकिन भारतीय टीम ने उसके हाथ गोल करने के मौके नहीं आने दिए। भारत को पहली सफलता 27वें मिनट में हासिल पेनाल्टी कार्नर पर मिली। इससे पहले हालांकि भारत को 23वें मिनट में भी पेनाल्टी कॉर्नर मिला था लेकिन रुपिंदर पाल सिंह का ड्रैग कमजोर साबित हुआ था। दूसरा पेनाल्टी कॉर्नर भारत को युवराज वाल्मिकी ने दिलाया। धर्मवीर ने गेंद को पुश किया और रघुनाथ ने जोरदार ड्रैग के साथ गेंद को गोली के बाईं ओर से गोलपोस्ट में डाल दिया।
सुनील ने लंबी दौड़ लगाने के बाद गेंद धर्मवीर को थमाई जो आसानी से डी में घुसने में सफल रहे। धर्मवीर ने गेंद को बड़ी चालाकी से जापानी गोलकीपर के पैडों के बीच से गोलपोस्ट में सरका दी। गोलकीपर समय रहते प्रतिक्रिया नहीं कर सका और भारत ने लगातार दूसरे मैदानी गोल को अंजाम दिया। भारत ने अपना चौथा गोल 54वें मिनट में किया। रमनदीप सिंह ने आकाशदीप को पास दिया, जिन्होंने बड़ी चतुराई से डी में प्रवेश किया और फिर जापानी गोलकीपर को चौंकाते हुए एक उम्दा मैदानी गोल किया।