जापान ने पोलैंड से 0-1 से मात खाने के बाद भी फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में ग्रुप-एच से प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है. दूसरी ओर, अगले दौर की रेस से पहले ही बाहर हो चुकी पोलैंड ने वोलगोग्राड एरिना में खेले गए इस मैच में जीत हासिल कर इस टूर्नामेंट का विजयी अंत किया.
जापान को अंतिम-16 में जाने के लिए जीत या ड्रॉ चाहिए था, लेकिन उसके नसीब में दोनों चीजें नहीं आई. मैच का अंत उसकी हार के साथ हुआ, लेकिन वो फेयर प्ले अंकों के आधार अगले दौर में जाने में कामयाब रही. इसी ग्रुप के दूसरे मैच में कोलंबिया ने सेनेगल 1-0 से मात देकर छह अंकों के साथ पहले स्थान पर रहते हुए अगले दौर के लिए क्वालीफाई किया.
इस मैच से पहले सेनेगल और जापान के चार-चार अंक थे. दोनों टीमें अगर ड्रॉ भी खेलतीं तो अगले दौर का टिकट कटा लेतीं.दोनों को हालांकि हार मिली और अंकों में कोई बदलाव नहीं हुआ. दोनों के चार-चार अंक रहे और गोल अंतर भी बराबर रहा. ऐसे में फेयर प्ले का उपयोग किया गया जहां जापान बाजी मार ले गया और सेनेगल को पछाड़ कोलंबिया के साथ अगले दौर में पहुंच गया.
जापान इस मैच में अंतिम-16 में जाने का अरमान लेकर उतरी थी. कोच ने अपनी टीम में छह बदलाव किए और आक्रामक रणनीति अपनाई. जापान ने शुरुआत में ही काफी मौके बनाए.तीन मिनट के भीतर उसके पास से दो गोल करने के करीबी मौके निकल गए. 12वें मिनट में जेन बेडनार्क की गलती से योशिनोरी मुटो के पास गेंद आई जो गेंद पर नियंत्रण नहीं रख सके.
तभी गेंद शिंजी ओजाकी के पास पहुंची जिनका हेडर बाहर चला गया. अगले ही मिनट मुटो ने एक और मौका बनाया. इस बार उनकी राह में गोलकीपर लुकास्ज फाबियास्की रोडा बन गए.जापान ने पोलैंड को रोके रखा था. जापानी खिलाड़ी पोलैंड के स्टार रोर्बट लेवांडोस्की को मौैके नहीं बनाने दे रहे थे और पूरे समय उन्हें घेरे हुए थे.
पोलैंड पूरी तरह से बैकफुट पर थी और मौके नहीं बना पा रही थी. उसके पास इकलौता मौका 32वें मिनट में आया. बाटरेस्ज बेरेस्ज्यन्सकी ने क्रॉस बॉक्स में दिया जिसपर कामिल ग्रोस्की ने हेडर लागाया. उनके हेडर को जापानी गोलकीपर इजी कावाशिमा ने रोक लिया.दूसरे हाफ में भी जापान का दबदबा था. वह समय के साथ पोलैंड के लिए और आक्रामक तथा खतरनाक साबित हो रहा था.
हालांकि उसका जोश तब धरा का धरा रह गया जब पोलैंड ने इस मैच का पहला गोल कर दिया. पोलैंड को 59वें मिनट में फ्री किक मिली. इस फ्री किक को कुरजाना ने लिया. गेंद गोल के दाएं कोने पर आई और बेडनारेक ने एक किक लगाई जो सीधा नेट में गई और जापान के खिलाड़ियों के चेहरे पर मायूसी छा गई.