छठे प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में बेल्जियम ने जापान को 3-2 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही बेल्जियम 32 साल बाद क्वार्टर फाइनल में पहुंचा। वहीं, जापान का विश्व कप में पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया। निर्धारित सयम तक दोनों टीमें 2-2 से बराबरी पर थीं।
ऐसा लग रहा था कि मैच एक्सट्रॉ टाइम में जाएगा, लेकिन बेल्जियम के नेसर चाडली ने इंजरी टाइम खत्म होने के 17 सेकंड पहले 90+4 मिनट में गोल कर टीम को जीत दिला दी। इससे पहले जापान के जेनकी हारागुची ने 48वें और ताकाशी इनुई ने 52वें मिनट में गोल किया।
वहीं, बेल्जियम के लिए वर्टोंगन ने 69वें और फेलैनी ने 74वें मिनट में गोल किया था।हाफ टाइम तक दोनों टीमें 0-0 की बराबरी पर थी। 48वें मिनट में जापान के हारागुची बेल्जियम के डिफेंडर वर्टोंगन को पछाड़ते हुए गोलपोस्ट तक पहुंचे और गोलकीपर थिबॉट कटरेआ के बगल से गेंद को गोलपोस्ट में डाल दिया।
ये जापान के लिए विश्व कप के किसी भी नॉक आउट मुकाबलों में पहला गोल था।52वें मिनट में जापान ने दूसरा गोल किया। कगावा के पास पर इनुई ने 23 मीटर की दूरी से गेंद को सीधे गोलपोस्ट में पहुंचाया। इनुई का इस विश्व कप में यह दूसरा गोल था।
68 मिनट तक ऐसा लग रहा था कि जापान इस मैच को 2-0 से जीत लेगा लेकिन बेल्जियम ने 69वें मिनट में गोल कर दिया। यह गोल वर्टोंगन ने 14 मीटर की दूरी से किया।इसके बाद बेल्जियम ने ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए।
74वें मिनट में लेफ्ट विंग से ईडेन हेजार्ड के क्रॉस पर फेलैनी ने गोल कर टीम को बराबरी दिला दी। फेलैनी को बेल्जियम ने शुरुआती एकादश में शामिल नहीं किया था। वे रिप्लेसमेंट के तौर पर मैदान पर आए थे।यह गोल इस मैच का निर्णायक गोल साबित हुआ।
निर्धारित समय तक 2-2 की बराबरी पर चल रहे मैच में रेफरी ने 4 मिनट का इंजरी टाइम दिया। इंजरी टाइम के शुरुआती 3 मिनट तक कोई गोल नहीं हुआ। मैच का एक्सट्रा टाइम में जाना तय लग रहा था, आखिरी मिनट के भी 43 सेकंड हो चुके थे, तभी बेल्जियम के रोमेलू लुकाकू के पास पर चाडली ने गोल कर टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया।
बेल्जियम 1970 के बाद नॉक आउट दौर में 0-2 से पिछड़ने के बाद मैच जीतने वाली पहली टीम बन गई। इससे पहले पश्चिमी जर्मनी ने इंग्लैंड को 48 साल पहले हराया था। बेल्जियम की टीम इस विश्व कप में एक भी मैच नहीं हारी है। इसके अलावा वह पिछले 23 अंतरराष्ट्रीय मैच में अपराजेय रही है।
मैच का पहला यलो कार्ड 40वें मिनट में जापान के शिबासाकी को मिला। बेल्जियम ने मैच में बदलाव करते हुए 65वें मिनट में मार्टेंस की जगह फेलैनी को और कारासाको की जगह चाडली को मैदान पर उतारा। वहीं, जापान ने भी एक साथ दो बदलाव करते हुए 81वें मिनट में हारागुची की जगह होंडा और शिबासाकी की जगह यामागुची को मैदान पर उतारा।