भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही पांच मैचों की वनडे सीरीज में बराबरी पर पहुंच गयी हैं और शनिवार को निर्णायक हो चुके मुकाबले में जहां कप्तान धोनी अपने नेतृत्व में घरेलू मैदान पर हर हाल में जीत दर्ज करना चाहते हैं तो वहीं मेहमानों ने भी भारत में पहली बार द्विपक्षीय सीरीज जीत इतिहास रचने के लिये अपनी कमर कस ली है.
भारत ने टेस्ट सीरीज में विराट कोहली की कप्तानी में 3-0 से न्यूजीलैंड का सफाया किया था तो अब टीम धोनी की कप्तानी में सीमित ओवर प्रारूप में खेल रही है और वि विजेता कप्तान भी बिना किसी गलती के टीम को जीत दिलाना चाहते हैं. रांची में अपने गृह नगर में मिली हार से सीरीज कब्जाने का मौका गंवाने से वह निराश दिख रहे हैं और इसकी भरपाई टीम इंडिया विजाग में करना चाहती है.
दूसरी ओर विश्वकप की उपविजेता कीवी टीम टेस्ट सीरीज में मिली एकतरफा हार की निराशा को पीछे छोड़ वनडे सीरीज कब्जाना चाहती है. रांची में कप्तान विलियम्सन ने स्थिति को अच्छी तरह पहचानते हुये बल्ले और गेंद से प्रभावशाली प्रदर्शन कर न सिर्फ 19 रन से जीत दर्ज की थी बल्कि सीरीज हाथ से निकलने से भी बचाई.
विलियम्सन रांची में कह चुके हैं कि टीम अब जीत के लिये आस्त है और उसका भरोसा बड़ा है. कीवी टीम ने भारत में कभी भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं जीती है और उसके पास पहली बार यह इतिहास रचने का अहम मौका भी है. टीम के अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर ने भी कहा है कि टीम ट्राफी के साथ ही घर लौटना चाहती है और निर्णायक मैच में वह भारत को कड़ी टक्कर देने के लिये तैयार हैं.
धोनी से रांची में अपने ही घरेलू मैदान की परिस्थितियां समझने में गलती हो गयी थी और टीम में तीन तेज गेंदबाजों को उतारने का उनका फैसला भी भारी साबित हुआ. उस मैच में टीम में केवल एक बदलाव कर धवल कुलकर्णी को जसप्रीत बुमराह की जगह लिया गया था. लेकिन कुलकर्णी ने सात ओवरों में 59 रन लुटाये तो उमेश यादव 60 रन दे बैठे, वहीं हार्दिक पांड्या ने पांच ओवरों में 31 रन दिये और तीनों तेज गेंदबाजों ने छह और आठ के महंगे औसत से गेंदबाजी की.
गेंदबाजों में केवल लेग स्पिनर अमित मिश्रा ही सबसे सफल साबित हुये और उन्होंने 10 ओवरों में 42 रन देकर दो विकेट लिये. मौजूदा सीरीज में गेंदबाजों की मैच का रूख तय करने में अहम भूमिका रही है और मिश्रा इस समय अपनी बेहतरीन फार्म में खेल रहे हैं पिछले चार मैचों में 10 विकेट लेकर टीम के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बने हुये हैं. दूसरे नंबर पर तेज गेंदबाज उमेश हैं जिनके नाम सात विकेट हैं लेकिन वह पिछले मैच में काफी महंगे रहे थे.
पिछले मैच में बाहर बैठाये गये बुमराह तीन मैचों में 4.19 के औसत से पांच विकेट निकालकर तीसरे सफल गेंदबाज हैं और संभव है कि धोनी निर्णायक मैच में उन्हें फिर से अंतिम एकादश में मौका दे. अपने पहले मैच में 31 रन पर तीन विकेट लेकर सभी को चौंकाने वाले पांड्या फिलहाल पटरी से उतरते दिख रहे हैं और उन्हें भी करो या मरो के मुकाबले में बेहतर खेल दिखाने का दबाव रहेगा.
वहीं भारतीय बल्लेबाजी की बात करें तो फिलहाल विराट कोहली और कप्तान धोनी ही मानो रन बनाने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. विराट पिछले मैच में भी 45 रन की पारी खेल टीम के दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे थे और अब तक 293 रन बनाकर सबसे सफल हैं. लेकिन उनके आउट होने के बाद फिर टीम में कोई खिलाड़ी नहीं दिखता जो विराट जैसी बड़ी पारी खेल सके.