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क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर का हुआ 87 साल की उम्र में निधन

सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकांत आचरेकर का निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। सचिन को वर्ल्ड का सबसे बेहतरीन बैट्समैन बनाने में आचरेकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सचिन कई बार इसका जिक्र भी कर चुके है। आचरेकर ने सचिन के साथ-साथ विनोद कांबली और प्रवीण आमरे जैसे बेहतरीन क्रिकेटर देश को दिए हैं।

आचरेकर को द्रोणाचार्य अवार्ड और पद्म श्री से भी नवाजा जा चुका है।आचरेकर की रिश्तेदार रश्मी दाल्वी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि आचरेकर ने बुधवार शाम 6 बजकर 30 मिनट पर मुंबई के अपने आवास पर अंतिम सांस ली। आचरेकर मुंबई के युवा क्रिकेटरों के बीच काफी प्रसिद्ध थे और उन्हें शिवाजी पार्क में ट्रेनिंग देते थे।

आचरेकर में नई प्रतिभाओं को पहचानने और उसे निखारने की अद्भुत कला थी। सचिन को बचपन में उन्होंने ही ट्रेन किया था। सचिन के अलावा कांबली और बलविंदर सिंह संधू जैसे क्रिकेटरों ने भी उनके सानिध्य में ट्रेनिंग ली।सचिन ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा आचरेकर सर की उपस्थिति में स्वर्ग में भी क्रिकेट समृद्ध होगा।

उनके कई छात्रों की तरह मैंने भी उनके मार्गदर्शन में क्रिकेट की ABCD सीखी है। मेरे जीवन में उनके योगदान को शब्दों में कैद नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस नींव का निर्माण किया, जिस पर मैं आज खड़ा हूं।सचिन को जब भी अकेलापन महसूस होता था, तो वह गुरू आचरेकर से मिलने पहुंच जाते थे।

पिछले साल गुरु पुर्णिमा पर सचिन उनसे मिलने पहुंचे थे और पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया था। हाल ही में सचिन और कांबली ने एक क्रिकेट अकादमी की शुरुआत की। इन दोनों ने इसके लिए आचरेकर का आशीर्वाद उनके घर जाकर लिया था। 

रमाकांत आचरेकर का जन्म 1932 में हुआ था। 1943 में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उन्होंने अपना एकमात्र फर्स्टक्लास मैच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से हैदराबाद के खिलाफ खेला था। आचरेकर पर एक किताब भी लिखी गई है, जिसका नाम है रमाकांत आचरेकर: मास्टर ब्लास्टरर्स मास्टर। 

1990 में आचरेकर को खेल में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए द्रोणाचार्य अवार्ड से भी नवाजा गया। वहीं 2010 में उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा 2010 में ही उन्हें तत्कालिन भारतीय कोच गैरी कर्स्टन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया था।

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