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मध्य प्रदेश और राजस्थान में बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी : मायावती

मायावती ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस का रवैया बसपा के विरोध में रहा है। इसलिए उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।बसपा प्रमुख ने कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर गठबंधन न होने देने का ठीकरा फोड़ा।

मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी बसपा के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह ऐसा नहीं चाहते। वह भाजपा के एजेंट हैं और ईडी तथा सीबीआई से डरते हैं। भाजपा को मदद पहुंचाने के लिए वह कांग्रेस एवं बसपा गठबंधन को रोकने के लिए सभी प्रयास करेंगे।

मायावती की नाराजगी की वजह दिग्विजय सिंह का वह टीवी इंटरव्यू है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईडी व सीबीआई के डर से बसपा ने कांग्रेस से समझौता नहीं किया। मायावती ने कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में हमें 230 में से 15-20 देना चाहती है। जब भी हम गठबंधन में चुनाव लड़े तो हमारा सारा वोट शेयर कांग्रेस के पास चला गया। हम ज्यादा सीटें हार गए।

इस बात पर ध्यान दिया तो हमने सोचा कि कांग्रेस बसपा जैसी छोटी पार्टियों को खत्म करना चाहती है।मायावती के बयान के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं पूर्व से ही नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी और संघ का सबसे बड़ा आलोचक रहा हूं। ऐसे में मायावती द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।  दिग्विजय ने कहा- मैं मायावती का बहुत सम्मान करता हूं और पहले भी कांग्रेस और बीएसपी के गठबंधन के पक्ष में रहा हूं।

मध्यप्रदेश में जब गठबंधन की बातचीत की जा रही थी, तो मायावती ने कांग्रेस को भुलाकर अपने 22 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया।कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मायावती ने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति जो विश्वास व्यक्त किया है, इसके लिए पार्टी उनका आदर करती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मायावती के बीच यदि सहमति बनती है तो कोई तीसरी ताकत विघ्न पैदा कर ही नहीं सकती।

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