राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के विवाद में उस समय नाटकीय मोड़ आया जब अमीन पठान गुट ने ललित मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया.इसके साथ ही ललित मोदी के दुबारा आरसीए प्रेजिडेंट बनने का रास्ता साफ़ हो गया. आईपीएल के पूर्व कमिश्नर और आरसीए के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी इस जिम्मेदारी की औपचारिक कमान कैसे संभालेंगे यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है.ललित मोदी को इस महत्वपूर्ण पद पर चुनौती देने वाले अमीन पठान ने आरसीए में मंगलवार को मोदी गुट के साथ समझौते और अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा की.
अमीन पठान ने दोनों गुटों के बीच समझौते का प्रस्ताव आरसीए घटनाक्रम की निगरानी कर रही रिटार्यड जज ज्ञानसुधा मिश्र को सौंप दिया. जानकारी के मुताबिक़ अब जस्टिस मिश्र बुधवार सुबह 11.30 बजे औपचारिक फैसला सुनाएंगी.गौरतलब है कि जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्र आरसीए में गतिरोध खत्म करने की कवायद में पहले ही दोनों गुटों का पक्ष सुन चुकी है. उस दौरान ही दोनों गुटों को आपसी मतभेद भुलाकर क्रिकेट के हित में काम करने लिए कहा गया था. जस्टिस मिश्रा ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 28 नवम्बर तक मतदाता सूची में आपत्तियां दर्ज करवाने की अनुमति दी थी.
ललित मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने वाले अमीन पठान ने कहा कि उन्होंने राजस्थान प्रदेश में क्रिकेट के विकास और बेहतरी के लिए प्रस्ताव वापस लिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही बीसीसीआई के साथ भी विवाद सुलझ जाएगा. मीडिया से बातचीत में पठान ने कहा कि स्पोट्र्स एक्ट के आधार पर आने वाले दिनों में अपना पक्ष रखकर बीसीसीआई से अदालती लड़ाई लड़ी जायेगी.