IPL कमिश्नर राजीव शुक्ला के निजी स्टाफ ने मांगी थी रिश्वत

भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए बीसीसीआई ने आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला के निजी स्टाफ के एक सदस्य को खिलाड़ियों के चयन के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में मामले की जांच तक निलंबित कर दिया. इस मामले का खुलासा एक स्टिंग आपरेशन में हुआ था.

उत्तर प्रदेश के एक हिन्दी समाचार चैनल ने शुक्ला के कार्यकारी सहायक अकरम सैफी और क्रिकेटर राहुल शर्मा की कथित बातचीत का प्रसारण किया था जिसमें सैफी राज्य टीम में राहुल के चयन को सुनिश्चित करने के लिए नगदी और दूसरी चीजों की मांग कर रहा है.शुक्ला फिलहाल उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के निदेशक भी हैं और मामले पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है.

बीसीसीआई के एक अंतरिक संदेश में कहा गया प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष और कार्यवाहक अध्यक्ष (सीके खन्ना) के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद बीसीसीआई के नियम 32 के तहत आयुक्त की नियुक्ति नहीं होने तक हम अकरम सैफी से उस पर लगे आरोपों पर स्पष्टीकरण की मांग करते हैं.इस संदेश की एक प्रति पीटीआई के पास भी है.

इसमें कहा गया सैफी के बयान की जांच आयुक्त करेंगे, जिनकी नियुक्ति होनी है. बीसीसीआई के नियम 32 के मुताबिक, किसी भी दुराचार की शिकायत का फैसला आयुक्त को करना होता है जिनकी नियुक्ति बोर्ड के अध्यक्ष सीके खन्ना अगले 48 घंटे में करेंगे. आयुक्त को अपनी जांच की रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर देनी होती है, जिसे बीसीसीआई की अनुशासन समिति के पास भेज दिया जाएगा. 

बोर्ड के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि मामले की जांच तक सैफी को निलंबित कर दिया गया है. बीसीसीआई के एसीयू प्रमुख अजीत सिंह ने पीटीआई से कहा हम इस स्टिंग से जुडे़ सारे मामले की जांच करेंगे. हम चैनल से ऑडियो की मांग करेंगे और इससे जुड़े खिलाड़ी से भी बात करेंगे. जब तब हम इससे जुड़े लोगों से बात नहीं कर लेते, कुछ भी कहना मुश्किल है. 

शर्मा ने कभी भारतीय या राज्य की टीम का प्रतिनिधित्व नहीं किया है. उन्होंने आरोप लगया कि राज्य की टीम में शामिल करने के लिए सैफी ने उनसे घूस की मांग की थी. उन्होंने सैफी पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र भी जारी करने का आरोप लगया. सैफी ने सभी आरोपों को खारिज किया है. यूपीसीए के संयुक्त सचिव युद्धवीर सिंह ने चयन में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.

यूपीसीए में हम चयन को लेकर काफी पारदर्शिता बरतते हैं. मैं किसी की निजी बातचीत पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकता हूं क्योंकि यह दो लोगों के बीच का मामला है. उन्होंने कहा  मैंने राहुल शर्मा की जांच की है और यह पाया कि वह कभी भी राज्य की टीम में शामिल होने का दावेदार नहीं रहा है. उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है.

सैफी की यह सेल्फी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जो  उसने राजीव शक्ला और विराट कोहली के साथ खीची थी इन आरोपों पर शुक्ला ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जबकि बीसीसीआई ने सैफी से किसी भी तरह से जुड़े होने से इंकार कर दिया.

बोर्ड ने हालांकि माना कि सैफी को वेतन उनकी तरफ से दिया जाता है. बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा बीसीसीआई सिर्फ अपने प्राधिकारियों के निजी सहायकों के लिए राशि मुहैया करता है. अधिकारी अपने पसंद के कार्यकारी सहयोगी रखने को स्वतंत्र हैं और उनका वेतन हमारे कोष से दिया जाता है. बोर्ड का निजी स्टाफ से कोई लेना देना नहीं है.

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