आईपीएल के 12वें संस्करण के लिए आज 346 खिलाड़ियों की नीलामी होगी। हालांकि, इनमें से ज्यादा से ज्यादा 70 खिलाड़ी ही खरीदे जा सकते हैं। किंग्स इलेवन पंजाब के पास सबसे ज्यादा 15 खिलाड़ियों को खरीदने का मौका है, जबकि चेन्नई सुपरकिंग्स सिर्फ दो ही खिलाड़ियों को खरीद पाएगी।
चेन्नई के पास दो खिलाड़ियों को खरीदने के लिए 8.4 करोड़ रुपए हैं। वहीं, किंग्स इलेवन पंजाब को 36.20 करोड़ रुपए में ही 15 खिलाड़ी खरीदने होंगे। नीलामी में रखे गए खिलाड़ियों को दो ग्रुप कैप्ड और अनकैप्ड क्रिकेटर्स में बांटा गया है।
118 कैप्ड खिलाड़ियों को- दो करोड़, 1.5 करोड़, एक करोड़, 75 लाख और 50 लाख रुपए बेस प्राइस में रखा गया है। दो करोड़ रुपए बेस प्राइस में नौ खिलाड़ी हैं, वे सभी विदेशी हैं। 1.5 करोड़ रुपए बेस प्राइस में 10 खिलाड़ी हैं। अनकैप्ड खिलाड़ियों की संख्या 228 हैं। इन्हें तीन तरह- 40 लाख, 30 लाख और 20 लाख रुपए की बेस प्राइस में रखा गया है।
विदेशी क्रिकेटर्स को खरीदने की बात करें तो कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) सबसे ज्यादा पांच खिलाड़ियों को खरीद पाएगी। घरेलू खिलाड़ियों को खरीदने के मामले में किंग्स इलेवन पंजाब पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) है।
आईपीएल-11 की चैम्पियन टीम चेन्नई सुपरकिंग्स ने पिछले संस्करण के 23 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इनमें 15 भारतीय और आठ विदेशी हैं। इसके लिए वह 73.6 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अब उसके पास 8.4 करोड़ रुपए बचे हैं। इतनी धनराशि में वह सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ियों को खरीद सकती है।
इस साल आईपीएल का फाइनल खेलने वाली सनराइजर्स हैदराबाद ने अगले सत्र के लिए भी पुराने खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा जताया है। उसने 20 खिलाड़ियों को रिटेन किया। इसके लिए उसने 72.3 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब उसके पर्स में 9.7 करोड़ रुपए बचे हैं। इतनी राशि में उसे ज्यादा से ज्यादा तीन भारतीय और दो विदेशी खिलाड़ी खरीदने हैं।
आईपीएल-11 के क्वालिफायर-2 तक पहुंचने वाली कोलकाता नाइटराइडर्स ने 2019 के लिए 13 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। हालांकि, इसके लिए वह 66.8 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अब वह ज्यादा से ज्यादा 12 खिलाड़ी और खरीद सकती है। इसमें सात भारतीय और पांच विदेशी हो सकते हैं। इसके लिए उसके पास 15.2 करोड़ रुपए हैं।
इस साल एलिमिनेटर राउंड में बाहर होने वाली राजस्थान रॉयल्स ने अगले संस्करण के लिए अपने 16 खिलाड़ियों को रिटेन किया। इसमें से 11 भारतीय और पांच विदेशी हैं। इसके लिए उसने 66.8 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब उसके खाते में 20.95 करोड़ रुपए बचे हैं। इतने रुपयों में उसके पास ज्यादा से ज्यादा छह भारतीय और तीन विदेशी खिलाड़ियों को खरीदने का मौका है।
तीन बार की चैम्पियन मुंबई इंडियंस इस साल क्वालिफायर में जगह नहीं बना पाई थी। हालांकि, उसका पुराने खिलाड़ियों पर भरोसा कायम है। उसने 18 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इसमें से 11 भारतीय और सात विदेशी हैं। इन खिलाड़ियों पर वह 70.85 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अब उसके पर्स में 11.15 करोड़ रुपए की राशि बची है। इतने रुपए में वह अधिकतम छह भारतीय और एक विदेशी खिलाड़ी खरीद सकती है।
इस साल छठे स्थान पर रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 15 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इसमें नौ भारतीय और छह विदेशी शामिल हैं। उसने रिटेन करने पर 63.85 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब उसके खाते में 18.15 करोड़ रुपए बचे हैं। इतनी धनराशि में वह ज्यादा से ज्यादा आठ भारतीय और दो विदेशी खिलाड़ी खरीद सकती है।
इस साल टूर्नामेंट में किंग्स इलेवन पंजाब क्वालिफायर में जगह नहीं बना पाई थी। शायद यही वजह रही कि उसने खिलाड़ियों को रिटेन करने में ज्यादा विश्वास नहीं किया। उसने 10 खिलाड़ी ही रिटेन किए। इनमें से छह भारतीय और चार विदेशी हैं। इन्हें रिटेन करने के लिए उसने 45.8 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब उसके पास 36.2 करोड़ रुपए बचे हैं। इसमें वह अधिकतम 11 भारतीय और चार विदेशी खिलाड़ी ही खरीद सकती है।
दिल्ली डेयरडेविल्स का नया नाम दिल्ली कैपिटल्स हो गया है। उसने अपने 15 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इनमें से 10 भारतीय और पांच विदेशी हैं। वह इन क्रिकेटर्स पर 56.5 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अब उसके पास 25.5 करोड़ रुपए बचे हुए हैं। इतनी धनराशि में से वह ज्यादा से ज्यादा सात भारतीय और तीन विदेशी खिलाड़ी और खरीद सकती है।