आईपीएल के दसवें संस्करण में खिलाड़ियों के हेलमेट पर कैमरा लगाए जाने की बात कही जा रही है, ताकि मैदान के स्टैंड में बैठे हर दर्शक 22 गज की पिच पर हो रही प्रत्येक गतिविधियों को आसानी से देख सके. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) चाहती है कि आगामी आईपीएल सीजन से ही बल्लेबाजों के हेलमेट पर कैमरा लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाए, जिससे दूर बैठे दर्शकों को भी क्रिकेट की हर बारीकी को समझने में मदद मिलेगी.
बल्लेबाजों के हेलमेट पर कैमरा लगाने की तकनीक की शुरुआत सबसे पहले बिग बैश लीग से हुई थी. 2012 में बिग बैश लीग टूर्नामेंट के दौरान बल्लेबाजों के हेलमेट को कैमरा से लैस किया गया. इसे दर्शकों ने काफी पसंद भी किया. कैमरा लगे हेलमेट का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वॉटसन ने सबसे पहले किया.
इससे पहले भी बिग बैश में दो अलग तरह की तकनीक का प्रयोग किया जा चुका है. एक में मैदानी अंपायर की टोपी में कैमरा लगाया था, जबकि दूसरी तकनीक के अंतर्गत मैदान के खिलाड़ी को माइक की सुविधा दी गई थी, जिससे वह कमेंटेटर से बात कर सके. गौरतलब है कि अंपायर की टोपी में लगे कैमरे की शुरुआत पहले ही 2014 के आईपीएल में हो चुकी है.