टीम इंडिया ने तेज गेंदबाजों को अफ्रीका में मिलती मदद के लिहाज से कई सालों बाद बिना स्पिनर के उतरने का फैसला किया. ऐसे में जब सामने हरी पिच हो और टॉस का सिक्का आपके पक्ष में हो तो आप क्यों पहले बल्लेबाजी करना चाहेंगे. लेकिन विराट कोहली ने सबकी उम्मीदों के उलट बल्लेबाजी चुन ली. तेज और हरी पिच पर पहले बल्लेबाजी किसी को समझ नहीं आई.
बल्लेबाजी शुरू होने के बाद सलामी जोड़ी की वही कहानी नजर आई और 13 रन स्कोर बोर्ड पर टंगते टंगते मुरली विजय और केएल राहुल पेवेलियन लौट गए. पहले राहुल गए फिर मुरली विजय. सारा दारोमदार कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा पर आ गया. पुजारा दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में रन आउट हो चुके थे, इसलिए उन पर दबाव साफ था.
इसी का असर था कि वह 53 गेंदों में खाता ही नहीं खोल पाए. हालांकि विराट कोहली उनके मुकाबले ज्यादा तेजी से रन बना रहे थे. कोहली और पुजारा ने तीसरे विकेट के लिये 84 रन की साझेदारी की. इन दोनों में विशेषकर कोहली ने कुछ अच्छे शाट खेले.कोहली और पुजारा ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं, फिर भी पूरी टीम 187 आउट हो गई.
अब सारा दारोमदार टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों पर शामिल है. भारत की पारी पहले दिन अगर यहां तक पहुंच सकी तो इसमें उनके कौशल और भाग्य के अलावा दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों और खासकर फील्डरों के द्वारा की गईं बड़ी बेजा गलतियां शामिल हैं.दक्षिण अफ्रीका के फील्डरों ने मैच में 3 कैच छोड़े.इनमें दो कैच विराट कोहली के और एक कैच भुवनेश्वर कुमार का रहा.
सीरीज में एक भी बार नोबॉल नहीं फेंकने वाले दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने इस पारी में दो नोबॉल फेंके. इसमें एक नोबॉल पर अजिंक्य रहाणे ने गलती की थी.टीम इंडिया के 8 बल्लेबाज तो दहाई के अांकड़े को भी नहीं छू सके. सिर्फ कोहली, पुजारा और भुवनेश्वर कुमार ने बड़े स्कोर बनाए.दक्षिण अफ्रीका की पिच पर अब तक भारत की ओर से सिर्फ विराट कोहली ही सबसे ज्यादा कामयाब रहे हैं.
तीसरे टेस्ट की पहली पारी तक विराट ही इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. दूसरे नंबर पर डिविलियर्स हैं. ऐसे में विराट के विकेट की कीमत अफ्रीका के सभी खिलाड़ियों को पता है. जोहानिसबर्ग की पिच पर बल्लेबाजी कितनी कठिन थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाइए कि विराट कोहली भी इस पिच पर खुलकर रन नहीं बना पा रहे थे.
21वें ओवर में कोहली को उस समय जीवनदान मिला जब रबाडा की गेंद पर फिलेंडर ने मिड ऑफ पर उनका कैच छोड़ दिया. उस समय वह 19 रन पर थे. अफ्रीका ने कोहली को एक और जीवनदान दिया. जब कोहली 32 रन पर थे, उस समय मोर्कल की गेंद पर स्लिप में डिविलियर्स ने उनका कैच छोड़ दिया. तीसरे टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा दबाव में चेतेश्वर पुजारा दिखे.
यही कारण था कि 53 बॉल तक उन्होंने खाता ही नहीं खोला. 54 बॉल में पहला रन बनाया. हालांकि जब पारी के छठा ओवर चल रहा था, उस समय पुजारा के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील हुई. दक्षिण अफ्रीका ने रिव्यू भी लिया लेकिन फैसला बल्लेबाज के पक्ष में गया. हालांकि बॉल विकेट पर लग रही थी, लेकिन चूंकि अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया था, इसलिए बच गए.
इसके बाद एक और बार बॉल ने बल्ले की बजाए उनके पैड को छुआ, लेकिन तब अफ्रीका ने अपील नहीं की और वह बच गए. पुजारा ने 179 बॉल में 50 रन बनाए. पिछले दो टेस्ट से बाहर बैठे अजिंक्य रहाणे को इस मैच में मौका मिला. उनसे एक अच्छी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई. वह 9 रन ही बना सके.
हालांकि उनकी पारी पहले भी खत्म हो सकती थी, लेकिन नोबॉल के कारण उन्हें जीवनदान मिला. पारी के 49वें ओवर में रहाणे को अंपायर ने विकेटकीपर डिकॉक के हाथों कैच आउट दे दिया था लेकिन फिलेंडर की यह गेंद नोबॉल थी और रहाणे बचने में सफल रहे.रहाणे उस समय 3 रन के निजी स्कोर पर थे. हालांकि रहाणे (9 रन, 27 गेंद, एक चौका) इस जीवनदान का फायदा नहीं ले सके और मोर्ने मोर्केल की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए.