भारतीय टीम शनिवार को जब विश्व टी20 चैंपियनशिप के सर्वाधिक चर्चित और बहुप्रतीक्षित मुकाबले में पाकिस्तान से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य आईसीसी टूर्नामेंटों में अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अजेय रहने के रिकार्ड के साथ टूर्नामेंट में अपनी उम्मीदें भी बरकरार रखना होगा। भारत को शुरू में खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन नागपुर की टर्न लेती पिच पर पहले मैच में ही न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने उसे छठी का दूध याद दिला दिया। इस परिणाम से विश्व की नंबर एक टीम पर पहले दौर में बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है और उसके लिये अब ईडन गार्डन्स में शनिवार को पाकिस्तान से होने वाला मुकाबला करो या मरो जैसा बन गया है।
राजनीति से जुड़ी उठापटक को एक तरफ रख दें तो यह मैच महेंद्र सिंह धोनी की टीम के लिये काफी महत्वपूर्ण बन गया है। दूसरी तरफ पाकिस्तान की निगाह आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत को कभी नहीं हरा पाने के मिथक को तोड़ने पर लगी हैं। टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में बांग्लादेश पर जीत से उसकी टीम उत्साह से ओतप्रोत है।लेकिन दुनिया में अप्रत्याशित प्रदर्शन करने वाली टीमों में शुमार पाकिस्तान ने आईसीसी प्रतियोगिताओं में जब भी भारत का सामना किया तब वह दबाव झेलने में नाकाम रही। रिकार्ड की बात की जाए तो भारत कागजों पर मजबूत दिख रहा है। पहले मैच के बाद आलोचनाओं से घिरे उसके बल्लेबाज बीती बात को भुलाकर फिर से अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब होंगे। भारत पिछले मैच में 127 रन तक पहुंचने में भी नाकाम रहा था।
पाकिस्तान ने भी कप्तान शाहिद अफरीदी के ‘स्वदेश के बजाय भारत में अधिक प्यार मिलने’ संबंधी बयान से उपजे विवाद को दरकिनार करके बाग्लादेश के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया। अफदीरी को स्वदेश में कानूनी नोटिस भेजा गया। इधर एशिया कप में शुरू में बाहर होने और यहां देर से पहुंचने के कारण टीम को पर्याप्त अभ्यास का मौका भी नहीं मिला। लेकिन अफरीदी ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और 19 गेंदों पर 49 रन की तूफानी पारी खेलने के अलावा दो विकेट भी लिये जिससे उनकी टीम बांग्लादेश पर 55 रन से जीत दर्ज करने में सफल रही।
पाकिस्तान की तरफ से मोहम्मद हफीज और अहमद शहजाद ने भी अर्धशतक जमाये। उनका अभियान सही रास्ते पर चल रहा है लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्व टूर्नामेंट में कभी भारत को नहीं हरा पाने के मानसिक दबाव से वह उभर पाते हैं या नहीं। पाकिस्तान वनडे विश्व कप में छह बार भारत से हारा है। विश्व टी20 चैंपियनशिप में भी यह मिथक बना रहा और उसे 2007, 2012 और 2014 में भारत के हाथों हार झेलनी पड़ी। भारत भले ही अपनी सरजमीं पर खेल रहा है लेकिन पाकिस्तानी टीम अधिक आत्मविश्वास के साथ उतरेगी क्योंकि इस मैदान पर अब तक उसने भारत के खिलाफ जो चार वनडे मैच खेले हैं उन सभी में उसे जीत मिली है। एशिया कप में लचर प्रदर्शन के बाद उसने यहां श्रीलंका के खिलाफ अ5यास मैच और फिर बांग्लादेश पर जीत दर्ज की।
ईडन गार्डन्स की पिच सपाट और आउटफील्ड तेज रहने की संभावना है और ऐसे में भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों रोहित, शिखर धवन और कोहली को नागपुर के दुस्वप्न से उबरने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। कोहली मीरपुर में आमिर के खिलाफ मुकाबले में अव्वल रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के बायें हाथ के दो अन्य तेज गेंदबाजों मोहम्मद इरफान और इमाद वसीम का भी डटकर सामना किया था। पाकिस्तान के स्पिन विभाग की जिम्मेदारी इमाद वसीम पर है जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अभ्यास मैच में चार विकेट लेकर प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ हार झटका है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि 2007 विश्व टी20 में भी उसे कीवी टीम से हार झेलनी पड़ी थी।
अब यह देखना होगा कि इस बार भी शुरूआती हार को भुलाकर खिताब जीतने में सफल रहते हैं या नहीं। वैसे अब तक कोई भी मेजबान टीम विश्व टी20 का खिताब नहीं जीत पायी है। भारत भले ही विश्व टूर्नामेंटों में कभी पाकिस्तान से नहीं हारा हो और पाकिस्तान भले ही ईडन पर सीमित ओवरों के मैच में भारत से नहीं हारा हो लेकिन कई चीजें पहली बार भी होती है। इन दोनों टीमों के बीच अब तक सात मैच खेले गये हैं जिनमें से भारत ने पांच जीते हैं जबकि पाकिस्तान ने एक। एक मैच टाई रहा था। टीमें इस प्रकार हैं —
भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), आर. अश्विन, जसप्रीत बुमराह, शिखर धवन, हरभजन सिंह, रविंद्र जडेजा, विराट कोहली, मोहम्मद शमी, पवन नेगी, आशीष नेहरा, हार्दिक पंड्या, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, रोहित शर्मा और युवराज सिंह में से।
पाकिस्तान : शाहिद अफरीदी (कप्तान), मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक, मोहम्मद इरफान, शार्जील खान, वहाब रियाज, मोहम्मद नवाज, मोहम्मद समी, खालिद लतीफ, मोहम्मद आमिर, उमर अकमल, सरफराज अहमद, इमाद वसीम, अनवर अली और खुर्रम मंजूर में से।