न्यूजीलैंड ने पहले वनडे में भारत को 6 विकेट से हरा दिया। रविवार को हुए इस मैच में कीवी टीम को जीत के लिए 281 रन का टारगेट मिला था, जिसे उसने 49 ओवर में 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस जीत के साथ ही कीवी टीम ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त भी ले ली। मैच में इंडियन प्लेयर्स की खराब बैटिंग टीम को भारी पड़ गई। जिस पिच पर विराट ने शानदार खेलते हुए सेन्चुरी लगाई, उसी पिच पर बाकी बैट्समैन रन बनाने के लिए संघर्ष करते दिखे।
टीम इंडिया की ओर से 30-40 रन कम बने, जिसका खामियाजा टीम को हार के रूप में उठाना पड़ा।मैच में शिखर धवन ने गैरजिम्मेदारी से बैटिंग की और एकबार फिर फ्लॉप साबित हुए। शिखर धवन शुरू से ही प्रेशर में दिखे और आखिरकार अपना विकेट गंवा बैठे।भारत के लिए ओपनिंग करने उतरे शिखर ने मैच में 12 बॉल खेलीं, जिसमें उन्होंने 1 चौके की मदद से 9 रन बनाए और आउट हो गए।
इस मैच को मिलाकर शिखर धवन अपनी पिछली पांच इंटरनेशनल इनिंग्स में कुल 35 रन ही बना सके हैं।धवन को इस बात को समझना होगा कि उन्हें जो मौके मिल रहे हैं, वो बेहतरीन फॉर्म में चल रहे अजिंक्य रहाणे की कीमत पर मिल रहे हैं।विराट ने धवन को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के लिए रहाणे को बाहर बैठाया। जिन्होंने पिछली पांच इनिंग में 4 फिफ्टी मिलाकर कुल 244 रन बनाए थे।
ऐसे में शिखर धवन को जिम्मेदारी को समझना होगा और टीम के लिए बैटिंग करना होगी।मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला लिया था। भारत ने 50 ओवरों में 8 विकेट पर 280 रन बनाए।भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही थी और 29 रन पर दोनों ओपनर पवेलियन लौट गए थे।इसके बाद तीसरे विकेट के लिए 42 रन, चौथे विकेट के लिए 73 रन और पांचवें विकेट के लिए 57 रन की पार्टनरशिप हुई।
टीम इंडिया के लिए कप्तान विराट ने जबरदस्त बैटिंग करते हुए 121 रन बनाए। उनके अलावा कोई बैट्समैन 37 रन से ज्यादा नहीं बना सका।टारगेट का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड को गुप्टिल और मुनरो ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़े।इसके बाद 80 रन तक पहुंचते-पहुंचते न्यूजीलैंड के तीन विकेट गिर गए। फिर टॉम लेथम और रॉस टेलर ने मिलकर टीम को संभाल लिया।
लेथम (103*) और टेलर (95) ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 200 रन की पार्टनरशिप की और टीम की जीत तय कर दी।न्यूजीलैंड की टीम ने 49 ओवर में 4 विकेट खोकर 284 रन बनाते हुए ये मैच 6 विकेट से जीत लिया।मैच में शानदार बैटिंग करते हुए करियर की चौथी सेन्चुरी लगाने वाले टॉम लेथम को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
ये मैच भारतीय कप्तान विराट कोहली के वनडे करियर का 200वां मैच था। जिसे उन्होंने सेन्चुरी लगाते हुए यादगार बना दिया। हालांकि फिर भी टीम हार गई।विराट इस मैच में 125 बॉल पर 121 रन बनाकर आउट हुए। अपनी इनिंग में उन्होंने 9 चौके और 2 सिक्स भी लगाए।ये विराट के वनडे करियर की 31वीं सेन्चुरी रही। जिसके बाद वे वनडे हिस्ट्री में सबसे ज्यादा सेन्चुरी लगाने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंच गए।
इस इनिंग के दौरान विराट एक साल में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले भारतीय कप्तान भी बन गए। विराट साल 2017 में अबतक 1318 रन बना चुके हैं।इस मामले में उन्होंने मो. अजहरुद्दीन (1268) और सौरव गांगुली (1223) को पीछे छोड़ दिया। अजहर ने 1998 में और गांगुली ने साल 2000 में इतने रन बनाए थे।मैच के दौरान जहां एक तरफ विराट क्रीज पर जमे हुए थे, वहीं दूसरी ओर लगातार विकेट गिर रहे थे।
विराट को कोई अच्छा पार्नटर नहीं मिला। जिसकी वजह से मैच में भारत की ओर से कोई बड़ी पार्टनशिप नहीं हुई और भारत का स्कोर 300 के पार नहीं जा सका।मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए इस मैच की दोनों इनिंग्स में सेन्चुरी लगी। इस दौरान जहां विराट ने 121 तो वहीं लेथम ने 103* रन बनाए।
इस मैदान पर 21 साल बाद कोई सेन्चुरी लगी है। इस मैच से पहले यहां पिछली सेन्चुरी सचिन तेंडुलकर ने साल 1996 में लगाई थी। जब उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में 114 रन बनाए थे।उस मैच के बाद अबतक कोई बैट्समैन इस स्टेडियम में सेन्चुरी नहीं लगा सका था। इस सूखे को पहले वनडे में विराट ने खत्म कर दिया। उनके बाद टॉम लेथम ने भी अपना शतक पूरा किया।