भारत ने तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही उसने तीन वनडे की सीरीज 2-1 से जीत ली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार द्विपक्षीय वनडे सीरीज अपने नाम की है। टीम इंडिया मेलबर्न पर 11 साल बाद वनडे में जीत हासिल करने में सफल रही।
उसने इस मैदान पर आखिरी बार 10 फरवरी 2008 को खेले गए वनडे में ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराया था। इस मैच में भारत ने टॉस जीता और गेंदबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया 48.4 ओवर में 230 रन बनाकर ऑलआउट हुई।
जवाब में भारत ने 49.2 ओवर में तीन विकेट पर 234 रन बनाकर मैच जीत लिया। महेंद्र सिंह धोनी 87 और केदार जाधव 61 रन बनाकर नाबाद रहे। धोनी प्लेयर ऑफ द सीरीज और ऑस्ट्रेलिया के छह खिलाड़ियों को पवेलियन भेजने वाले युजवेंद्र चहल मैन ऑफ द मैच चुने गए।
इस दौरे पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती। टीम इंडिया की यह ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत भी थी। इससे पहले भारत ने तीन टी-20 की सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई थी। भारत को अब 23 जनवरी से न्यूजीलैंड में पांच वनडे और तीन टी-20 मैच की सीरीज खेलनी है।
टीम इंडिया का न्यूजीलैंड दौरा 10 फरवरी को हैमिल्टन में तीसरे टी-20 से खत्म होगा। इस मैच में भारत के शुरुआती तीन बल्लेबाज 50 रन से कम के स्कोर पर आउट हुए। अप्रैल 2015 के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब टीम इंडिया के शुरुआती तीन बल्लेबाजों ने 50 से कम रन बनाए हों और उसने लक्ष्य हासिल किया है।
धोनी ने इस सीरीज के पहले दोनों वनडे में भी अर्धशतक लगाया था। उन्होंने पांच साल बाद लगातार तीन वनडे में अर्धशतकीय पारी खेली। इससे पहले उन्होंने जनवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार तीन अर्धशतक लगाए थे।
धोनी को अपनी पारी के दौरान दो बार जीवनदान मिला। पहली बार वे शून्य और दूसरी बार वे 74 रन पर खेल रहे थे। वे इस सीरीज में भारत की ओर से टॉप स्कोरर रहे। उन्होंने तीन वनडे में 193 की औसत से कुल 193 रन बनाए। वे दूसर और तीसरे वनडे में नॉटआउट रहे।
भारत के लिए युजवेंद्र चहल ने इस मैच में सबसे ज्यादा 6 विकेट लिए। वे ऑस्ट्रेलिया में 6 विकेट लेने वाले पहले स्पिनर बने। साथ ही भारत की ओर से ऑस्ट्रेलियाई धरती पर अजीत अगरकर के 42 रन पर 6 विकेट के बेस्ट प्रदर्शन की बराबरी भी की।