भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज 2-0 से जीत ली। उसने दूसरे टेस्ट में वेस्टइंडीज को 10 विकेट से हराया। पिछले पांच साल में भारत ने घरेलू मैदान पर यह लगातार 10वीं सीरीज जीती है। उसने आठवीं बार टेस्ट में 10 विकेट से जीत हासिल की। मैच में 10 विकेट लेने वाले उमेश यादव को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
वहीं, डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय पृथ्वी शॉ मैन ऑफ द सीरीज बने। इस टेस्ट में भारत को जीत के लिए 72 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने 16.1 ओवर में बिना विकेट खोए हासिल कर लिया। पृथ्वी शॉ और केएल राहुल 33-33 रन बनाकर नाबाद रहे। तीसरे दिन 98 ओवर फेंके गए। इस दौरान 261 रन बने और 16 विकेट गिरे।
इस टेस्ट में वेस्टइंडीज ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। उसने पहली पारी में 101.4 ओवर में 311 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया ने पहली पारी में 106.4 ओवर में 367 रन बनाए। भारत की ओर से पृथ्वी शॉ, अंजिक्य रहाणे और ऋषभ पंत ने अर्धशतक लगाए। वेस्टइंडीज की दूसरी पारी 127 रन पर सिमट गई।
वेस्टइंडीज की टीम पिछले 16 साल से भारत के खिलाफ न तो कोई टेस्ट और न ही सीरीज जीत सकी। इस दौरान दोनों के बीच 21 टेस्ट हुए, जिसमें भारत 12 जीता, जबकि नौ टेस्ट ड्रॉ रहे। वेस्टइंडीज पिछली बार अपने घरेलू मैदान पर भारत के खिलाफ 2002 में सीरीज जीता था। तब से वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की यह लगातार सातवीं सीरीज जीत है।
टीम इंडिया 1983 से घरेलू मैदान पर विंडीज के खिलाफ सीरीज नहीं हारी। पिछले 35 साल में भारत में दोनों के बीच छह सीरीज हुईं। इसमें से भारत ने चार जीतीं। इस दौरान भारत में दोनों के बीच 17 टेस्ट खेले गए। इसमें से भारत 10 और वेस्टइंडीज दो जीता। पांच टेस्ट ड्रॉ रहे।
जीत का रन पृथ्वी शॉ के बल्ले से निकला। वे ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस के बाद विजयी रन लेने वाले दुनिया के दूसरे सबसे युवा टेस्ट क्रिकेटर बने। पृथ्वी ने 18 साल 339 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की। कमिंस ने 2011 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में 18 साल 198 दिन की उम्र में विजयी रन लिया था।
पृथ्वी डेब्यू सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज बनने वाले दुनिया के 10वें और भारत के चौथे टेस्ट क्रिकेटर हैं।उमेश ने टेस्ट करियर में पहली बार 10 विकेट लिए। उन्होंने पहली पारी में 88 रन देकर छह और दूसरी पारी में 45 रन देकर चार विकेट लिए। वे एक टेस्ट में 10 या उससे ज्यादा विकेट लेने वाले भारत के तीसरे तेज गेंदबाज हैं।
उनसे पहले कपिल देव और जवागल श्रीनाथ यह उपलब्धि अपने नाम कर चुके हैं। कपिल देव ने टेस्ट में दो बार 10 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं। वे इस टेस्ट में दो बार हैट्रिक पूरी करने से चूके।उमेश ने पहली पारी की आखिरी दो गेंदों पर वेस्टइंडीज के देवेंद्र विशू और शेनान गैब्रिएल का विकेट लिया था।
वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में उन्होंने गेंदबाजी की शुरुआत की। वे अपनी पहली गेंद पर विकेट नहीं ले पाए। हालांकि, उन्होंने अगली ही गेंद पर क्रेग ब्रैथवेट को ऋषभ पंत के हाथों कैच करा दिया।इसके बाद 25वें ओवर की आखिरी गेंद पर उमेश ने पहली पारी में शतक बनाने वाले रोस्टन चेज को क्लीन बोल्ड कर दिया।
यह वेस्टइंडीज का पांचवां विकेट था। 27वें ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने शेन डाउरिच का विकेट उखाड़ दिया। हालांकि, ओवर की दूसरी गेंद पर वे जेसन होल्डर को पवेलियन भेजने में असफल रहे।शार्दुल का यह डेब्यू टेस्ट है, लेकिन दुर्भाग्यवश वे केवल 10 गेंद ही फेंक पाए और चोटिल हो गए।
इसके बाद वे गेंदबाजी के लिए मैदान पर नहीं उतर पाए। हालांकि, बल्लेबाजी करने आए और रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर आखिरी विकेट के लिए 44 गेंद में 28 रन जोड़े। हालांकि, इस दौरान उन्होंने केवल 12 गेंदें खेलीं और चार रन ही बना पाए।ऋषभ पंत अपना दूसरा टेस्ट शतक लगाने से चूक गए।
वे 92 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें शेनान गैब्रिएल की गेंद पर शेर्मोन हेटमेयर ने कवर में लपका। ऋषभ राजकोट टेस्ट में भी 92 रन पर आउट हो गए थे। उस मैच में उन्हें देवेंद्र बिशू ने अपना शिकार बनाया था। बिशू की गुगली पर ऋषभ मिडविकेट पर कीमो पॉल को कैच थमा बैठे थे।