आईसीसी अपनी माली हालत सुधारने के लिए 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी भारत की जगह किसी दूसरे देश में कराना चाहती है। उसने चैंपियंस ट्रॉफी के मौजूदा फार्मेट को भी बदलने का सुझाव दिया है। वह अगले संस्करण यानी 2021 में टूर्नामेंट को 50-50 की जगह 20-20 ओवर (टी20 फार्मेट ) का करना चाहती है।
हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उसके इस सुझाव को खारिज कर दिया है। इस वजह से बीसीसीआई और आईसीसी के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। सदस्य देशों के लिए प्रस्तावित रेवन्यू-डिस्ट्रिब्यूशन स्कीम के चलते आईसीसी आर्थिक परेशानी का सामना कर रही है।
अगर वह चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को दूसरे देश में शिफ्ट करता है तो बीसीसीआई से उसके संबंध और खराब होंगे।नुकसान की भरपाई के लिए वर्ल्ड क्रिकेट की गवर्निंग बॉडी चैंपियंस ट्रॉफी के फार्मेट में बदलाव करने पर विचार कर रही है। आईसीसी बोर्ड के कुछ सदस्यों का मानना है कि टी20 फार्मेट होने से यह खेल अधिक बिकाऊ हो जाएगा।
इसके अलावा अन्य देशों आईसीसी के इवेंट में टैक्स की छूट भी देते हैं।बीसीसीआई ने फार्मेट में बदलाव के आईसीसी के सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया है।मीडिया में आई खबरों के अनुसार, बीसीसीआई का तर्क है कि चैंपियंस ट्रॉफी, उसके पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की ही सोच थी, इसलिए उसे इस टूर्नामेंट के फार्मेट में कोई भी बदलाव मंजूर नहीं है।
डालमिया 1997 से 2000 तक आईसीसी के अध्यक्ष रहे थे।चैंपियंस ट्रॉफी को क्रिकेट का मिनी वर्ल्ड कप भी कहा जाता है।इसकी शुरुआत 1998 से हुई थी। तब इसका नाम आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट हुआ करता था। 2002 में इसका नाम चैंपियंस ट्रॉफी हुआ। 2006 के बाद इसके फार्मेट में बदलाव हुआ।
2006 से इसमें सिर्फ आठ टीमें ही खेल सकती हैं। पहले चैंपियंस ट्रॉफी में अधिकतम 12 टीमें (2002, 2004) तक खेल चुकी हैं।2009 तक चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हर दूसरे साल होता था। 2009 के बाद से हर चार साल में इसका आयोजन होता है।भारत दो बार (2002, 2013) चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुका है। चार बार फाइनल खेला।
आस्ट्रेलिया भी दो (2006, 2009) चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुका है।अन्य किसी भी देश ने इतनी बार चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीती है।इंग्लैंड और वेस्टइंडीज दो-दो बार फाइनल खेल चुके हैं। वेस्टइंडीज 2004 में चैंपियन भी बना।