आईसीसी ने हॉल ऑफ फेम में राहुल द्रविड़ को शामिल किया है.राहुल ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले पांचवे भारतीय खिलाड़ी हैं. हॉल ऑफ फेम में ऐसे खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है जिन्होंने क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक खेलते हुए बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं.
आईसीसी के मुताबिक भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए शामिल किया गया है. लेकिन हॉल ऑफ फेम में अभी तक सचिन तेंदुलकर का नाम नहीं हैं जो उनके कई चाहने वालों को हैरान कर गया.
हॉल ऑफ फेम को साल 2009 में फेडेरेशन ऑफ इंटरनेश्नल क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने शुरू किया था जो आईसीसी का ही हिस्सा है. द्रविड़ से पहले भारत के पूर्व कप्तानों बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर, कपिल देव और अनिल कुंबले को इसमें जगह मिल चुकी है.
भारत की ओर से 164 टेस्ट में 36 शतक की मदद से 13288 रन और 344 वनडे में 12 शतक की मदद से 10889 रन बना चुके हैं उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में द वाल के रूप में भी जाना जाता है. वे टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तीसरे नंबर के बल्लेबाज माने जाते हैं.
हैरानी की बात लगती है कि इस सूची में भारत में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का नाम नहीं है. सचिन के रिकॉर्ड देखे जाएं तो हॉल ऑफ फेम में शामिल अब तक के सभी बल्लेबाजों पर भारी तो पड़ ही जाएंगे.
ऐसा सचिन के रिकॉर्ड खुद कहते हैं. टेस्ट क्रिकेट में सचिन ने 200 मैचों की 329 पारियों में 15921 रन बनाए हैं जिसमें 51 शतक और 68 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं वनडे में सचिन ने 463 वनडे खेलकर 49 शतक और 96 शतकों के साथ 18426 रन बनाए हैं.
वनडे में तो इस समय खेलने वाला कोई भी बल्लेबाज ऐसा नहीं जो दस हजार रन भी बना पाया हो. यही हाल शतकों की संख्या का है कोई भी उनके शतकों के रिकॉर्ड को चुनौती देना तो दूर उसके आसपास भी पहुंचने की स्थिति में नहीं हैं.
लेकिन हाल ऑफ फेम देने वाले आयोजकों का कहना कुछ और ही है. उनका कहना है कि वे खुद इस महान खिलाड़ी को हॉल ऑफ फेम देना चाहते हैं लेकिन अभी वे चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकते.इसकी वजह एक नियम है जो उनकी और दुनिया में सचिन के लाखों चाहने वालों की ख्वाहिश पूरी नहीं कर पा रहा है.
दरअसल हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के लिए जरूरूी है कि खिलाड़ी ने पिछले पांच सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला हो. द्रविड़ सचिन से पहले रिटायर हुए थे इस लिए उन्हें पहले तरजीह दी गई. द्रविड़ ने पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहने के पांच साल पूरे किए हैं. द्रविड़ ने जनवरी 2012 में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था जबकि सचिन ने अपना अंतिम टेस्ट मैच नवंबर 2013 में खेला था.
खास बात यह है कि सचिन और राहुल दोनों ने ही लंबे समय तक एक साथ क्रिकेट खेला था जहां सचिन की बल्लेबाजी को को शुरू से ही सराहा जाने लगा था. राहुल ने सचिन के रहते ही अपनी एक अलग पहचान बनाई जब कि राहुल कभी आतिशी पारी खेलते नहीं दिखे और उन्होंने अपनी तकनीक को ही अपना प्रमुख हथियार बनाए रखा.