भारत के सौरभ नेत्रवल्कर बने अमेरिका क्रिकेट टीम के कप्तान

भारत के मुंबई के सौरभ नेत्रवल्कर को अमेरिका क्रिकेट टीम का कप्तान बनाए गए हैं। अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे 27 साल के सौरभ ने अपने जुनून की बदौलत महज तीन साल में ही खुद को मजबूत खिलाड़ी के तौर पर खड़ा किया है। हालांकि, उनका कप्तान बनने तक का सफर इतना आसान नहीं रहा।

भारतीय क्रिकेट में अपने भविष्य को लेकर एक समय अनिश्चितताओं के चलते उन्होंने पढ़ाई को प्राथमिकता दी और क्रिकेट को अलविदा तक कह दिया था।2010 के अंडर-19 विश्व कप में सौरभ भारत के लिए सबसे ज्यादा नौ विकेट लिए थे। उस साल भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी खराब था, इसलिए सौरभ की गेंदबाजी को कोई खास लोकप्रियता नहीं मिली।

हालांकि, तब उन्होंने आज के दो बड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी- इंग्लैंड के कप्तान जो रूट और पाकिस्तान के ओपनर शहजाद अहमद के विकेट लिए थे।तीन साल बाद उन्होंने मुंबई के लिए कर्नाटक के खिलाफ अपने पहले और इकलौते रणजी मैच में तीन विकेट हासिल किए थे। हालांकि, बीतते समय के साथ उन्होंने जल्द ही क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके सौरभ 2015 में अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मास्टर्स कोर्स के लिए चुन भी लिए गए, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। उन्हें जल्द ही फिर अमेरिका में क्रिकेट खेलने का मौका मिला।अपने कॉलेज के समय में सौरभ ने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना जारी रखा। हालांकि, सॉफ्टवेयर कंपनी ऑरेकल ज्वाइन करने के बाद उन्हें खेलने के काफी कम ही मौके मिल पाते थे।

इसके बावजूद सौरभ ने वीकेंड्स में सैन फ्रांसिस्को से छह घंटे की ड्राइव पूरी कर सिर्फ क्रिकेट खेलने के लिए लॉस एंजिल्स जाना जारी रखा।एक इंटरव्यू में सौरभ ने बताया कि वे मैच खेलने के लिए शुक्रवार को ही लॉस एंजिल्स के लिए निकल जाते थे। शनिवार को वहां 50 ओवर का मैच खेलने के बाद पूरी रात गाड़ी ड्राइव कर रविवार को सैन फ्रांसिस्को लौटते थे, ताकि सोमवार को जॉब पर जा पाएं।

सौरभ के मुताबिक, उन्होंने सेलेक्टर्स की नजर में आने के लिए काफी मेहनत की। सौरभ का सेलेक्शन इसी साल जनवरी में किया गया जब वे राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के लिए खेलने के योग्य हो गए।अमेरिकी टीम अगले हफ्ते ओमान में आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग के डिवीजन-3 मैच खेलने जाएगी। यह 2023 के विश्व कप के लिए क्वालिफायर होगा।

सौरभ के मुताबिक मुख्य टूर्नामेंट में खेलना अभी दूर की बात है, लेकिन जिंदगी में कई बार चीजें अजीब तरह से सच हुई हैं। सौरभ ने बताया कि टीम के कोच पुबुदु दसानायके श्रीलंका के लिए टेस्ट और वनडे दोनों में विकेटकीपिंग कर चुके हैं। सौरभ को कैरेबियाई प्रीमियर लीग में गुयाना अमेजन वॉरियर्स की तरफ से चुना गया था, लेकिन लीग में उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिल पाया।

आईसीसी के मुताबिक, इस वक्त अमेरिका के 50 में से 48 प्रांतों में तेजी से क्रिकेट लोकप्रिय हो रहा है। देशभर में 400 लीग्स खेली जा रही हैं, जिनमें 6000 से ज्यादा टीमें और दो लाख से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। क्रिकेट में दिलचस्पी लेने वालों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

फिलहाल देश में खेल के 2.2 करोड़ से 3.6 करोड़ तक फॉलोअर्स हैं। अमेरिका की राष्ट्रीय टीम में ज्यादातर खिलाड़ी वेस्टइंडीज, भारत और पाकिस्तान से ही हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के सुशील नादकरणी और हैदराबाद के इब्राहिम खलील अमेरिकी टीम की कप्तानी कर चुके हैं।

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