जिन महिलाओं का ब्रेस्ट बड़ा होता है, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका उतनी ही ज्यादा होती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस्ट्रोजन की ब्रेस्ट के आकार में भूमिका होती है, यही कैंसर के कारण भी हो सकता है। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद कहा है कि इस्ट्रोजन ही ब्रेस्ट को सुड़ोल और बड़ा साइज देता है।. यही ट्यूमर भी पैदा करता है।
वैज्ञानिक निकोलस इरिकसन ने कहा है कि पहली बार ब्रेस्ट के आकार और कैंसर का रिश्ता सामने आया है। हालांकि उनका मानना है कि अभी इसमें और शोध की जरुरत है। यूं तो ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र भी हो सकता है, लेकिन खासतौर पर 40 साल की उम्र के बाद इसका खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में साल में एक बार चेकअप करवाना जरूरी है। – ब्रेस्ट कैंसर की एक वजह आनुवंशिक भी होती है।
अगर आपकी मम्मी को यह प्रॉब्लम रही है, तो इस मामले में आपको पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में आपको 40 साल से पहले से ही इसका परीक्षण
करवाना शुरू कर देना चाहिए। छाती में किसी भी तरह की गांठ को हल्के तौर पर न लें और तुरंत डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर का चेकअप करवाएं। एक्सरे से स्तन कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही लगाया जा सकता है।
इस जांच से यह भी पता चल जाता है कि कैंसर ब्रेस्ट के किस हिस्से में है। अगर आपको ब्रेस्ट हार्ड महसूस हो रहा हो और सूजन की वजह से आप असहज महसूस कर रही हों, अगर आपको डॉक्टर की तरफ से ब्रेस्ट चेंज करने को कह दिया गया है, तो डॉक्टर के कहे मुताबिक ही स्टेप बाई स्टे प टेस्ट करवाते रहें। साथ ही, दवाइयां भी समय के मुताबिक लेना न भूलें। हमें ध्यान देने की जरुरत है विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है। अब कोई भी रोग उतना खतरनाक नहीं है जितना पहले था।
ब्रेस्ट के बड़े आकार और कैंसर के रिश्ते के बाद अब छोटे ब्रेस्ट वाली महिलाओं को शर्माने की जरुरत नहीं है। अब वे आत्मविश्वास से जिंदा रह सकती है। छोटा है तो क्या सुरक्षित तो हैं।