भावनाएं शब्दों की मोहताज नहीं
तारीफ सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता हैं, लेकिन नारी जैसी निर्मलता पुरूषों में कम होती हैं। हो सकता है वो आपकी उम्मीद पर पूरी तरह नहीं उतर पाए, या अपनी भावनाओं को शब्दों में ना ढाल पाए। आपके किसी तोहफे पर धन्यवाद जैसे औपचारिक शब्दों की उम्मीद रखने की बजाय उसकी आंखों में उतर आई प्रसन्नता को देखने की कोशिश करें।