Shobhagya Sundhari Teej vrat vidhi । सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत विधि

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सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन सभी सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए बिना अन्न और जल के व्रत रखती हैं। माना जाता है कि यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी शुभ फलदायी होता है। इस दिन शिव और पार्वती जी की पूजा की जाती हैं।

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कथा (Story of Shobhagya Sundhari Teej Vrat in Hindi)

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार देवी सती ने अपने पिता द्वारा कहे गए कठोर वचनों के कारण जब अपना देह त्याग दिया था, तब उन्होंने प्रण लिया था कि वह हर जन्म में शिव जी को ही अपने पति के रूप में प्राप्त करेंगी।इसके पश्चात पार्वती के रूप में जन्म लेने पर उन्होंने अपने युवावस्था में शिव जी को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन महीने में बिना भोजन के कठोर तपस्या की थी। इस व्रत के फल स्वरूप ही शिव और पार्वती जी का विवाह हुआ था।

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत विधि (Shobhagya Sundhari Teej Vrat Vidhi in Hindi)

हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत दिन प्रातः स्नान करके महिलाओं को पूर्ण शृंगार करने के बाद एक वेदी बनाना चाहिए। वेदी को सजाकर उस पर गौरी माता की मूर्ति रखकर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए।इस दिन विवाहित महिलाओं को व्रत रखकर केवल एक समय का भोजन करना चाहिए। एक समय भोजन में केवल दूध से बना खाना ही खाना चाहिए।

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत फल (Benefits of Shobhagya Sundhari Teej Vrat in Hindi)

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत रखने से विवाहित स्त्रियों, दांपत्य तथा विवाह में देरी तथा मंगली दोष को दूर करने में फलदायी माना जाता है। इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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