Sheetla Mata Puja Vidhi शीतलाष्टमी (बसौड़ा) – देवी शीतला की पूजा
होली का उत्सव सम्पन्न होने के एक सप्ताह बाद लोग शीतला माता का व्रत और पूजन बडी श्रद्धा के साथ करते हैं। यह माता बच्चों की चेचक आदि की बीमारी से रक्षा करती है।
शीतला माता के पूजन के लिए महिलाएं सुबह-सुबह मंदिरों में पहुंचीं और अपने परिवार की रक्षा की कामना करती है, माता का सानिध्य पाने व मुर्गा की छांव लेने के लिए भी लोग लालायित रहते है.
शीतलाष्टमी के एक दिन पूर्व उन्हें भोग लगाने के लिए बासी खाने का भोग यानि बसौड़ा तैयार कर लिया जाता है. अष्टमी के दिन बासी भोजन ही देवी को प्रसाद के रूप में समर्पित किया जाता है, और भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. इस कारण से शीतलाष्टमी त्यौहार, बसौड़ा के नाम से जाना जाता है . पूजन वाले दिन सभी लोग एक दिन का बासी भोजन करते हैं, जिसमें मीठे चावल, दही, पूरी और पूआ प्रमुख हैं.
शीतला माता की पूजा के दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है. आज भी लाखों लोग इस नियम का बड़ी आस्था के साथ पालन करते हैं.
सिद्धार्थ गौतम
(ज्योतिष संपादक इंडिया हल्ला बोल)