Budhvar Vrat Vidhi बुधवार व्रत विधि
बुधवार का व्रत बुध ग्रह को शांत करने के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। ज्ञान, कार्य, बुद्धि, व्यापार आदि में प्रगति के लिए बुधवार व्रत बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। बुधवार के दिन कई जगह बुद्ध देव के साथ भगवान गणेश की पूजा का भी विधान है।
बुधवार व्रत विधि (Budhvar Vrat Vidhi)
अग्नि पुराण के अनुसार बुध-संबंधी व्रत विशाखा नक्षत्रयुक्त बुधवार को आरंभ करना चाहिए और लगातार सात बुधवार तक व्रत करना चाहिए। मान्यतानुसार बुधवार का व्रत शुरू करने से पहले गणेश जी के साथ नवग्रहों कीपूजा करनी चाहिए। व्रत के दौरान भागवत महापुराण का पाठ करना चाहिए।
बुधवार व्रत शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से शुरू करना अच्छा माना जाता है। इस दिन प्रात: सभी कार्यों से निवृत्त होकर भगवान बुध की पूजा करनी चाहिए। व्रत करने वाले जातक को हरे रंग की माला या वस्त्रों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
भगवान बुध की मूर्ति ना होने पर शंकर जी की प्रतिमा के समीप भी पूजा की जा सकती है। पूरे दिन व्रत कर शाम के समय फिर से पूजा कर एक समय भोजन करना चाहिए। बुधवार व्रत में हरे रंग के वस्त्रों, फूलों और सब्जियों का दान देना चाहिए। इस दिन एक समय दही, मूंग दाल का हलवा या हरी वस्तु से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए।
बुधवार व्रत का फल (Benefits of Budhvar Vrat)
बुधवार का व्रत करने से व्यक्ति का जीवन में सुख-शांति और धन-धान्य से भरा रहता है। इसके अलावा लक्ष्मी जी उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।