भगवान शनि देव के मंत्र (Shani Dev)
शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। मनुष्य द्वारा किए गए पापों का दंड शनि देव ही देते हैं। शनि देव की आराधना करने से गृह क्लेश समाप्त हो जाता है तथा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इनकी उपासना से कार्यों में आने वाली दिक्कतें खत्म हो जाती हैं।
भगवान शनि देव के मंत्र (Lord Shani Dev Mantra in Hindi)
शनि देव का तांत्रिक मंत्र ( Tantarik Mantra of Shani Dev)
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
Om pram prim praum sah shanaye namah
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शनि देव के वैदिक मंत्र (Vedic Mantra of Shani Dev)
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
Om Shanno devīrabhistdaapo bhavantupītaye
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शनि देव का एकाक्षरी मंत्र (Ekashari mantra of Shani Dev)
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
Om Sham Shaneicharaya namah
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शनि देव का गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra of Shani Dev)
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
Om bhagabhavaya vidmahaim mrtyurupaya dhimahi tanno Sanih prachodyat
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भगवान शनिदेव के अन्य मंत्र (Other Mantra of Bhagwan Shani Dev)
ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ मन्दाय नमः।।
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।
Om Sram Shrim Shrum Shaanaicharaya namah.
Om halesaam Sanidevaaya namah.
Om em hair Shrim Sanaicharaya namah.
Om mandaya namah
Om surya putraya namah..
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साढ़ेसाती से बचने के मंत्र (Shani Mantra for Shani Dosha)
शनि देव की साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए शनि देव को इन मंत्रों द्वारा प्रसन्न करना चाहिए:
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
om tryambakam yajamahe sugandhim pusti-vardhanam
urvaruka miva bandhanan mrtyor muksiya mamrtat.
Om shannodevirabhistaya aapo bhavantu pitaye
Shanyorabhisravantu nah, Om sam shanaiscaraya namah.
Om nIlanjanasamabhasam raviputram yamagrajam
Chayamartandasambhutam tam namami shanaischaram.
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क्षमा के लिए शनि मंत्र (Shani Mantra in Hindi)
निम्न मंत्रों के जाप द्वारा शनि देव से अपने गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
Aparadhasahastrani kriyanteharnisam maya
Dasoyamiti maa matva kshamasva paramesvara.
Gatam papam gatam du Kham gatam daridraya meva ch
Agatah Sukha- sampatti punyoham tava darsanat.
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अच्छे स्वास्थ्य के लिए शनि मंत्र (Shani Mantra for Health in Hindi)
शनिग्रह को शांत करने तथा रोग को दूर करने के लिए शनि देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
Dhvajini dhamini chaiva kanvali kalahapriha
Kankati kalahi chautha turangi mahishi ajaa.
shanairnamani patninametani sanjapan puman
Duhkhani nasyennityam saubhagyamedhate sukhaman.
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शनि देव की पूजा के समय निम्न मंत्रों का प्रयोग करना चाहिए:
भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए-
भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||
Bho Shanidevh Chandanam Divyam Gandhaaday Sumanoharam ||
Vilepan Chhayaatmajah Chandanam Prati Grihayantaam ||
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भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-
ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |
अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||
Om Shanidev Namastestu Grihaan Karunaa Kar |
Arghyam Ch Falam Sanyuktam Gandhmaalyaakshatai Yutam ||
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इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को प्रज्वलीत दीप समर्पण करना चाहिए-
साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्. भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ||
Saajyam ch vartisanyuktam vahninaa yojitam maya |
deepam grihaan devesham trelokya timiraa paham ||
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इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शनिदेव को यज्ञोपवित समर्पण करना चाहिए और उनके मस्तक पर काला चन्दन (काजल अथवा यज्ञ भस्म) लगाना चाहिए-
परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |
उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||
Parmeshwarah Narvaabhastantu Bhiryuktam Trigunam Devta Mayam |
Up Veetam Maya Dattam Grihaan Parmeshwarah ||
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इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए-
नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||
Neel Kamal Sugandheeni Maalyaadeeni Vai Prabho |
Mayahritaani Pushpaani Grihayantaam Poojanaay Bho ||
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भगवान शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें वस्त्र समर्पण करना चाहिए-
शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |
देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||
Shanidevah Sheetavaatoshna Santraanam Rakshanam Param |
Devlankaaranam Vastra Bhatahah Shatni Prayachchha Men ||
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शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें सरसों के तेल से स्नान कराना चाहिए-
भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |
हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||
Bho Shanidevah Sarso Tail Vaasit Snigadhataa |
Hetu Tubhyam-Pratigrihayantaam ||
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सूर्यदेव पुत्र भगवान श्री शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए पाद्य जल अर्पण करना चाहिए-
ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धदिभिर्युतम् |
अनिष्ट हर्त्ता गृहाणेदं भगवन शनि देवताः ||
Om Sarvtirth Samoodabhootam Padyam Gandhdibhiryutam |
Anisht Hartta Grihanedam Bhagvan Shani Devtaah ||
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भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए-
ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |
स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||
Om Vichitra Ratna Khachit Devyaastaran Sanyuktam |
Swarn Singhasan Chaaru Griheeshv Shanidev Poojitah ||
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इस मंत्र के द्वारा भगवान श्री शनिदेव का आवाहन करना चाहिए-
नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||
Neelambarah Shooldharah Kireetee Gridhrasthit Straskaro Dhanushtamaan |
Chaturbhujah Surya Sutah Prashantah Sadastu Mahyaam Vardolpagaamee ||
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