Chanting mantras for Goddess Lakshmi on Diwali: दीपावली हिन्दुओं का एक पवित्र त्यौहार है। यह सत्य पर असत्य की जीत का त्यौहार है। इस दिन भगवन श्री राम चन्द्र जी 14 वर्ष का बनवास काट कर अयोध्या वापस आये थे। उन्ही की याद में अयोध्या वासियों ने घर घर में घी के डीप जलाये थे। तभी से यह त्यौहार मनाया जाता है। दीपावली रात्रि जागरण का पर्व है। स्वयं को जगाना यानि अपनी आत्म चेतना के प्रकाश को जाग्रत करके जगत की अन्धकार रूपी माया में र्इमानदारी, सदबुद्धि, परोपकार, सत्यनिष्ठा, सकारात्मकता, राष्ट्र्रधर्म एंव नैतिकता की लौ जलाना। जैसे सूर्य अपने प्रकाश से सात रंगों की किरणों को बिखेर कर पूरे संसार को जाग्रत कर देता है, उसी प्रकार से कार्तिक मास की अमावस्या की घोर काली रात्रि को अग्नि के लघु रूपी दीपकों की ज्योति पूरे अन्धकार को प्रकाश में परिवर्तित करके मा लक्ष्मी का भव्य स्वागत व नमन करती है।
हिन्दूओं के बड़े त्यौहारों में अधिकतर त्यौहार पूर्णिमा तिथि में मनाने की परम्परा है। दीपावली ही एक ऐसा पर्व है, जो अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि दशरथ पुत्र राम जब लंका जीतकर अयोध्या लौटे तो अयोध्या वासी रामचन्द्र जी को देखने के लिए लालयित थे, उस काल में बिजली आदि की व्यवस्था नहीं थी इसलिए चहुओर दीपों को जलाकर जनमानस ने दीपों का प्रकाश उत्सव मनाकर रामचन्द्र जी का भव्य स्वागत किया। जब एक राजा दूसरे राज्य पर विजय प्राप्त करके लौटता है, तो वहां से प्रचुर मात्रा में धन-दौलत लेकर वापस आता है, और अपनी प्रजा में उसका वितरण करता है। शायद यही अकांक्षा अयोध्यावासियों में रही होगी किन्तु जब यह आशा निराशा में तब्दील हुयी तो अयोध्या की गरीब जनता ने रामचन्द्र जी पर तरह-तरह के आरोप लगायें ?
दीपावली पर करें लग्नानुसार लक्ष्मी आराधना
दीपावली की रात्रि में लक्ष्मीजी की आराधना अपने जन्म लग्नानुसार करने से अनन्य फल की प्राप्ति होती है।
मेष : ॐ त्रिधा नम: मंत्र की 11 माला करें।
वृषभ : ॐ चित्-शक्ति नम: मंत्र की 21 माला करें।
मिथुन : ॐ निरामया नम: मंत्र की 21 माला करें।
कर्क : ॐ निष्कला नम: मंत्र की 21 माला करें।
सिंह : ॐ अच्युता नम: मंत्र की 11 माला करें।
कन्या : ॐ अप्रमेया नम: मंत्र की 21 माला करें।
तुला : ॐ प्रतिहता नम: मंत्र की 41 माला करें।
वृश्चिक : ॐ विहंगया नम: मंत्र की 31 माला करें।
धनु : ओम निरानंदा नम: मंत्र की 11 माला करें।
मकर : ॐ व्योम विग्रहा नम: मंत्र की 11 माला करें।
कुंभ : ॐ सुरेश्वरि नम: मंत्र की 11 माला करें।
मीन : ॐ प्रमोदा नम: मंत्र की 21 माला करें।