Blessings of Lord Ganesha: पहले हम भगवान गणेश के बारें में आप सब को बता देते है । भगवान गणेश भगवान शिव के पुत्र है। संसार में सबसे पहले पूजा इन्ही की होगी यह वरदान भी इनको अपने पिता से ही मिला है।भगवान गणेश को एक चतुर देवता के रूप में भी माना जाता है। देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म माउंटआबू में हुआ था और माता पार्वती ने अर्बुद पर्वत के इशान शिखर पर बैठकर पुत्र की कामना के लिए पुन्यंक नामक व्रत किया था ।
एक पौराणिक मान्यता के मुताबिक स्कन्द पुराण के अर्बुद खंड के मुताबिक गौरी शिखर पर्वत पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गौरी शिखर यानि अर्बुद पर्वत और भगवान गणेश के जन्म स्थान पर बना मंदिर और उनकी निशानियां आज भी मौजूद हैं ।भगवान गणेश स्वयं रिद्घि-सिद्घि के दाता व शुभ-लाभ के प्रदाता हैं। वे भक्तों की बाधा, संकट, रोग-दोष तथा दरिद्रता को दूर करते हैं।
गणपति की संकल्पपूर्वक साधना-आराधना करने से भक्त को चिंताओं से मुक्ति मिलती है। इच्छाएं पूर्ण होती है। मन स्थिर रहता है, अन्न व धन के भंडार में बरकत होती है तथा विघ्न दूर होकर सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
यह करें उपाय :-
विवाह के लिए :
ॐ ग्लौम गणपतयै नमः की 11 माला तथा गणेश स्तोत्र का पाठ नित्य करें। मोदक का भोग लगाएं।
भूमि प्राप्ति के लिए :
संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं ऋणमोचन मंगल स्तोत्र के 11 पाठ करें।
भवन के लिए :
श्रीगणेश पंचरत्न स्तोत्र एवं भुवनेश्वरी चालीसा अथवा भुवनेश्वरी स्तोत्र का पाठ करें।
संपत्ति प्राप्ति के लिए :
श्री गणेश चालीसा, कनकधारा स्तोत्र तथा लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
धन-समृद्घि के लिए :
धनदाता गणेश स्तोत्र का पाठ तथा कुबेर यंत्र के पाठ के साथ ‘ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः’ मंत्र की 11 माला नित्य करें।
नौकरी प्राप्ति के लिए :