Gayatri Mantra Benefits जानें गायत्री मंत्र के जाप के स्वास्थ्य-लाभ
गायत्री मंत्र सूर्य भगवान की अर्चना करने का मंत्र है। भगवान के प्रति अपनी निष्ठा को दर्शाने के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है। इसमें न जाने कितनी शक्तियां छिपी हैं। गायत्री मंत्र के साथ हवन करने से कई बीमारियों का नाश किया जा सकता है क्योंकि इस मंत्र में सबसे अधिक तरंगित होने की शक्ति विद्यमान है। वेदों में गायत्री मंत्र के महत्व को बताया गया है।
गायत्री मंत्र चार वेदों से आया है और ये 24 शब्दांशों (syllables) से बना है। गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुव स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ है जो सीधे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसकी महत्ता ऊँ के बराबर मानी जाती है। गायत्री मंत्र के जाप से आपके स्वास्थ्य को कई प्रकार से लाभ पहुँचता है-
मन को शांत करता है-
इस मंत्र का उच्चारण ऊँ से शुरू होता है। जिसके उच्चारण से होंठ, जीभ, तालू, गला और खोपड़ी के पिछले भाग में आवाज प्रतिध्वनित होती है जिससे मन शांत हो जाता है। इस मंत्र के शब्दांशों के उच्चालरण से मन एकाग्र हो जाता है जिससे काम करने की क्षमता बढ़ती है।
प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है-
गायत्री मंत्र के उच्चारण से जीभ, होंठ, स्वरनली, तालु और मस्तिष्क के संबंधित क्षेत्रों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण हाईपोतैलामस (hypothalamus) नाम का ग्रंथि सक्रिय हो जाता है जो प्रतिरक्षा क्षमता को उन्नत करने में मदद करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ग्रंथि मन को प्रसन्न करने वाले हार्मोन को निष्कासित करने में मदद करता है, जिससे मन और शरीर का संबंध जुड़ता है। इसके उच्चारण से शरीर का मूल चक्र सक्रिय हो जाता है जो शरीर में ऊर्जा का संचार करने में सहायता करता है।
पढ़ने और एकाग्रता की शक्ति को उन्नत करता है-
द इंटरनैशनल जर्नल ऑफ योग के अध्ययन के अनुसार गायत्री मंत्र के गुंजन से याद रखने की शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है। गायत्री मंत्र से तीन चक्र प्रतिध्वनित होते हैं जिससे मस्तिष्क की एकाग्रता, आँख, साइनस, माथा और पिटूइटरी ग्लैंड और थाइरॉयड ग्लैंड प्रभावित होते हैं। पढ़े- फल और सब्ज़ी मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्यों ज़रूरी होता है
श्वास लेने की पद्धति को उन्नत करती है-
मंत्र का उच्चारण करते समय गहरी साँस लेनी चाहिए जिससे फेफड़ों का कार्यकलाप उन्नत होता है। गहरी साँस लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन मिल पाता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है-
ब्रिटिश मेडकल जर्नल के अनुसार गायत्री मंत्र के जाप से साँस लेने की गति कम हो जाती है जिससे दिल के धड़कन की गति नियंत्रित रहती है और दिल को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
तंत्रिकाओं (nerve) के कार्य करने की क्षमता उन्नत होती है-
गायत्री मंत्र के उच्चारण से जीभ, होंठ, स्वर तंत्री और संबंधित क्षेत्र प्रभावित होते हैं जिससे तंत्रिकाओं के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।
तनाव के कारण हुए क्षति को नष्ट करने में मदद करता है-
इस मंत्र के जाप से तनाव से जो शरीर को क्षति पहुँचती है उस क्षति को पूर्ण करने में मदद करता है। यहाँ तक कि मन को शांत करके तनाव को दूर करने में भी मदद करता है।
मन को शक्ति प्रदान करता है और अवसाद से दूर रखता है-
इस मंत्र के उच्चारण से मन नियंत्रित, शांत और एकाग्र रहता है। इस मंत्र के उच्चारण से शरीर से एन्ड्रोफीन और आराम देना वाला हार्मोन निकलने लगता है जिससे अवसाद को जिंदगी से दूर रखने में मदद मिलती है।
त्वचा को निखारने में मदद करता है-
गायत्री मंत्र के उच्चारण से चेहरे के मूल जगह प्रभावित होते हैं जिससे रक्त का संचार बढ़ता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। जाप के दौरान गहरी साँस लेने से शरीर में ऑक्सिजन का संचार ज़्यादा होता है जिससे त्वचा ज़्यादा जवान और निखरा नजर आने लगता है।
दमे के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है-
मंत्र के जाप से गहरी साँस लेने पड़ती है और कुछ देर के लिए साँस को रोक कर रखना पड़ता है जिससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है और दमे के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।