मंहगाई से अभी निजात मिली नही थी की सरकार ने मंहगाई के खिलाफ बोलने वाले जनता के मुँह पर एक जोरदार थप्पड़ पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी कर के जड़ दिया। दरअसल ४ महीनो में तेल कंपनियों ने दूसरी बार तेल के दाम में बढ़ोतरी की है। जिससे तेल की कीमत ३.१४ और बढ़ गया। अगर बात तेल कंपनियों की की जाय तो उनका कहना है की तेल में बढ़ोतरी कच्चे तेलों के दाम बढ़ने से है। २६ जून २०१० से १५ सितम्बर २०११ तक तेल की कुल वृद्धि १८.७४ हो गई है।
अगर बात खाने पीने की की जाये तो दूध, चाय,सब्जी चीनी ये सब बहुत पहले से ही लोगो के थाली से धीरे धीरे गायब हो रही थी। ऐसे में रसोई गैस की कीमतों में होने वाले इजाफा से ऐसा लगता है लोगो को खाना खाने और पकाने दोनों के लाले पड़ने वाले है। अगर मंहगाई का यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब देश में खाने के लाले पड़ जायेंगे। कभी गरीब परिवारों के पास जब खाने को नहीं होता था तो नमक रोटी खा लेते थे लेकिन मंहगाई को देख कर ऐसा लगता है की लोगो को नमक रोटी भी नसीब नहीं होगी। आलू और प्याज हर घर की जरूरत है। पिछले साल जून की तुलना में प्याज के दाम दोगुनी रफ्तार से बढ़े हैं तो आलू के दाम में डेढ़ गुना इजाफा हुआ है।ऐसे में आने वाले दिनों में रसोई गैस बढ़ने की बात लोगो की कमर तोड़ कर रख दी है।
मानेन्द्र कुमार भारद्वाज