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क्या आप पहचानते हैं इस मैडम को ?

2013 के विधानसभा चुनाव को राजनीति के मैदान में सेमीफाइनल मैच की तरह देखा जा रहा है। खासतौर पर दिल्ली के लिए… इस बार एक नहीं… दो नहीं.. बल्कि तीन पार्टियां आमने-सामने होगी। बीजेपी-कांग्रेस और आप पार्टी के इस त्रिकोणिय मैच में राजनीति के खिलाड़ियों ने अपनी रणनीति बनानी भी शुरु कर दी है। महंगाई, भ्रष्टाचार, अपराध, कुशासन और विकास के पांच अहम और जरुरी मुद्दों पर सभी पार्टियों ने राजनीति की रोटियां सेंकनी शुरु कर दी है। एक-दूसरे पर छींटाकशीं कर सभी पार्टियां दूसरी पार्टी की छवि खराब करने में जुटी है।

इसी बीच इंटरनेट की दुनिया में हल्ला मचना शुरु हो गया है। सेटरडे सेटरडे गाने से मशहुर हुए इंदीप बक्शी के लेटेस्ट गाने में मैडम जी शब्द का इस्तेमाल है। ये मैडम जी कभी घोटालों की रानी कही जा रही है। तो कभी गिरते रुपये को सम्भालने में नामाक रहे सरकारी नुमांइदों की महारानी। यानी कि सोनिया गांधी उर्फ मैडम जी के अपने सिपेहसलाकारों के साथ व्यस्त है जनता के खजाने को लुटने के लिए और इंदीप बक्शी अपने गाने में कह रहे हैं बदलो बदलो मैडम को।

लेकिन क्या वाकई ये इंदीप बक्शी की आवाज हैं… क्या वाकई ये इंदीप बक्शी के नए गाने का हिस्सा है… या फिर विपक्षी दलों की सियासी चाल जनता को लुभाने के लिए और कांग्रेस को गिराने के लिए। जो भी हो गाना बहुत शानदार है। शब्दों में जैसे कांग्रेस के सारे घोटालों और कमजोरियों को खासतौर पर पिरोया गया हो, ताकि मैडम जी को बदलना आसान हो जाए। शायद देश में बदलाव के लिए ये गाना वाकई जरुरी है।

दरअसल बड़े से बड़ा स्कैम जनता वक्त के साथ भूलने लगती है, क्योंकि आम चुनाव में अभी समय है और चुनाव के पहले सरकारें जनता को लुभाने के लिए नई नई योजनाएं लाती है दावों और वादों की नाव पर जनता को बहकाने की कोशिश करती है, लेकिन म्यूजिक हमेशा लोगों की जुबां पर चढ़कर बोलता है। ऐसे में इंदीप बक्शी का मैडम जी गाना लोगों को सारे घोटालों की याद तब तक दिलाता रहेगा जब तक आप इसे बजाते रहेंगें। फिर ये गाना वाकई सेटरडे फेम इंदीप बक्शी का हो… या बीजेपी-आप जैसी विपक्षी पार्टियों की चुनावी रणनीति का हिस्सा…. ।

गाना है… तो बजेगा ही…. बजेगा तो लोगों की जुबांन पर रहेगा। ताकि आम चुनाव 2014 यानी की फाइनल मैच से पहले जनता मैडम जी के कारनामों की लम्बी फेहरिस्त से रु-ब-रु हो सकें। वैसे भी अब मैडम जी कि दिलचस्पी रुपयो में नहीं रही…डॉलर में है। ऐसे में टाइम है मैडम जी को गुडबॉय कहने का। सच ही कहा है… बदलो बदलो मैडम को।।

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