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” उपवास या उपवास से आस “

गुजरात के मुख्य प्रधान नरेन्द्र मोदी को लगता होगा की अब तो उन पर खुदा भी फ़िदा है,क्योंकि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने नरेन्द्र मोदी को गुजरात में हुए दंगे के एक केस के सिलसिले में कुछ राहत दी, वैसे ही मोदी ने ट्विट्टर पर ट्विट करते हुए लिखा “गोड इस ग्रेट “. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने नरेन्द्र मोदी के खिलाफ गुजरात में हुए अहसान जाफरी हत्याकांड में कोई साबुत नहीं मिलने पर इस केस को ट्रिअल कोर्ट को सोंप दिया है। अब इस केस की सुनवाई गुजरात में होगी।

सुप्रीम कोर्ट से मिली इसी राहत को राजनीतिक अवसर में बदलने के लिए नरेन्द्र मोदी १७ सितम्बर,अपने जन्म दिवस से तीन दिन के उपवास पर उतर गए. इसी उपवास को उन्होंने “सदभावना मिशन ” नाम दिया। जैसे से ही उपवास की खबर आई,वैसे ही गुजरात में राजनीतिक तूफान शुरू हो गया। राज्य के विपक्षी दल क्रांगेस भी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ तीन दिन के सत्याग्रह आन्दोलन पर उतर गए। समाजसेविका श्री मल्लिका साराभाई नरेन्द्र मोदी के इस सदभावना मिशन में हो रहे करोडो़ रुपए के खर्च को बेवजह बताते हुए तिन दिन तक गरीबो को अनाज वितरण करेंगी।

मुख्य प्रधान नरेन्द्र मोदी के उपवास से उनकी क्या मंसा हे ये तो वक़्त ही बतायेगा,लेकिन अगर हम इतिहास के कुछ पन्ने पलट कर देखे तो हमे पता चलेगा की उपवास की शुरुआत गांधीजी ने की थी।गांधीजी,उपवास नि:स्वार्थ और अन्याय के सामने करते थे। उन्होंने अपने उपवास से कई आन्दोलन को सफल बनाया। अभी हाल ही में अन्ना हजारे के उपवास से सरकार को झुकना पड़ा। लेकिन, नरेन्द्र मोदी का यह उपवास किसी अन्याय के सामने या किसी के विरोध के लिए नहीं हे, यह तो लगता हे जेसे की राज्य सरकार का कोई विज्ञापन हे,जिसका फायदा उन्हें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में होगा। यह एक ऐसा विज्ञापन नज़र आ रहा है। जिसमे करदाताओ के पैसो का जनता के सामने खुल्लेआम नेताओ के vvip खर्चो में बर्बाद हो रहा हे। ऐसे उपवास,जिसको कांग्रेस ने फाईव स्टार उपवास कहा, से पहले सरकार को गरीब जनता के रोजाना उपवास के बारे में भी सोचना चाहिए.ऐसे उपवास से कोई गरीबी,बेरोज़गारी कम नहीं होगी,बल्कि राज्य सरकार का खर्च बढेगा और उसका बोझ आम जनता पर ही आयेगा।

मुख्य प्रधान नरेन्द्र मोदी के इस उपवास से उनकी क्या आस हे ये तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा, लेकिन, किसी भी सरकार के लिए ये आवश्यक है की वह पहले वहां की जनता का सर्वं विकास करे और बाद में उसका विज्ञापन करे,ताकि जनता भी ऐसी सरकार का निर्विरोध चुनाव कर सके।

जय हिंद

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