इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होने पहुंचेंगे, इस लिए रक्षा मंत्रालय ज्यादा उत्साहित है।एयरो इंडिया यानी रक्षा उपकरणों के इस बाजार में हवाई जहाजों का करतब आकर्षण का केंद्र होता है। चूंकि इस बार पीएम मोदी भी यहां मौजूद होंगे और वह हर पल इसका रोमांच उठा सकें, इसलिए कुछ ऐसी विदेशी एयरोबेटिक्स की टीमें यहां बुलाई गई हैं, जो पहली बार एशिया के इस प्रीमियर एयरो शो में हिस्सा ले रही हैं।इनमें से एक है स्कैनडिवियन एयरोबेटिक्स टीम। इसमें दो पायलट और छह महिलाएं शामिल हैं। जमीन से करीब ढाई से तीन हजार फुट की ऊंचाई पर ये महिला 150 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ते हवाई जहाज पर अपना करतब दिखाएंगी।
ऐसी ही एक टीम इंग्लैंड से भी आई है, जो ‘ब्रेटलिंग’ के नाम से जानी जाती है और इसके साथ-साथ रूस की जानी-मानी ‘फ्लाइंग बुल्स’ की टीम लगातार तीसरी बार एयरो शो में हिस्सा लेने आई है। इस टीम का नेतृत्व करीब 65 साल की महिला पायलट रडका मकूवा कर रही हैं। जब वह अपने उड़ते जहाज को 360 डिग्री पर एक-दूसरे जहाज़ के इर्द-गिर्द घूमाती हैं, तो लोग दांतों तले ऊंगली दबा लेते हैं।रक्षा मंत्रालय के प्रदर्शनी मामलों के निदेशक एमडी सिंह ने बताया कि युवाओं को वायु सेना में आने के लिए प्रेरित करने के वास्ते दुनिया के जाने-माने एयरोबेटिक्स टीमों को बुलाया गया है। 18 तारीख से 22 तारीख तक यह एयरो शो बेंगलुरु के यलहंका एयर फोर्स स्टेशन में हर दो सालों पर आयोजित किया जाता है।
प्रधानमंत्री के तौर पर एचडी देवेगौड़ा एक बार एयरो शो देखने आए थे, लेकिन पीएम मोदी ‘मेक इन इंडिया’ की सोच को अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में आगे बढ़ाने आ रहे हैं, इसलिए रक्षा उत्पाद से जुड़ी देशी-विदेशी कंपनियां इसमें खास दिलचस्पी ले रही हैं।