वेदोक्त कथा के अनुसार मंगल गृह की उत्पति धरती पर ही हुई थी, एक बार भगवान् शिव को पसीना आया और उस पसीने के बून्द धरती पर गिरी और उससे ही हुआ मंगल का जन्म जो बाद में एक गृह बन गया! लेकिन मंगल गृह पे प्रचुर मात्रा में लोह अयस्क है जो की उस स्थान से प्रति से शोषित हो गए!
ऐसे में पृथ्वी इतनी कमजोर हो गई की वो अपनी ही धुरी पर घूमने लगी और घिसने लगी, ऐसे में देव चिकित्सक अश्विनी कुमारो को उसके उपाय के लिए भेजा गया!