प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए भावुक हुए विश्व हिंदू परिषद्के इंटरनेशनल प्रेसिडेंट प्रवीण तोगड़िया

विश्व हिंदू परिषद् के इंटरनेशनल प्रेसिडेंट प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि उन्हें पुराने केस निकालकर फंसाया जा रहा है। वीएचपी लीडर ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन राजस्थान पुलिस का काफिला आया था। मेरा एनकाउंटर हो सकता था। मैं डर नहीं रहा हूं लेकिन डराने की कोशिश की जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तोगड़िया भावुक हो गए।

बता दें कि तोगड़िया अहमदाबाद में रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। करीब 12 घंटे बाद वो बेहोश मिले थे। किसी अनजान शख्स ने उन्हें सड़क पर बेहोशी की हालत में पड़े देखकर एंबुलेंस बुलाकर हॉस्पिटल पहुंचाया था।प्रेस कॉन्फ्रेंस में तोगड़िया ने कहा कुछ समय से मेरी आवाज दबाने का हरसंभव प्रयास होता रहा। मैं हिंदू एकता के लिए प्रयास करता रहा।

कई वर्षों से जो हिंदुओं की आवाज थी। राम मंदिर बनाओ, गौ हत्या बंद करो, कश्मीरी हिंदुओं को बचाओ। इन बातों को मैं उठाता रहा।मैंने 10 हजार डॉक्टरों को तैयार किया। इनसे मरीजों का इलाज मुफ्त करने को कहा। आईबी ने उन्हें डराने का प्रयास किया। मैंने केंद्र सरकार को लेटर लिखा। यह आवाज दबाने के लिए देशभर में मेरे खिलाफ कानून भंग के केस दर्ज किए, इनकी जानकारी मेरे पास नहीं है।

20 साल पुराने केस निकलवाकर एक जेल से दूसरी जेल भेजकर गुजरात में डराने का प्रयास हुआ। कल मकर संक्राति के दिन राजस्थान पुलिस का काफिला गिरफ्तारी वारंट लेकर आया। यह हिंदुओं की और मेरी आवाज दबाने कोशिशों का हिस्सा है।सोमवार को अचानक लापता होने के बारे में तोगड़िया बोले मैं परसों मुंबई में भैयाजी जोशी, साध्वी ऋतंभरा के साथ एक कार्यक्रम में था। मैंने पुलिस से कहा- सुबह आओ।

कल सुबह एक व्यक्ति मेरे रूम में आया। उसने कहा- तुरंत निकलिए, आपको एनकाउंटर करने के लिए लोग निकले हैं।मैंने, बाहर देखा- दो पुलिसवाले थे। मन में आया कि कोई बहस करने आया है। मेरे फोन पर कॉल आया। उस पर कहा गया कि सोला पुलिस स्टेशन से राजस्थान पुलिस का काफिला गुजरात पुलिस के सहयोग से निकला है।

तोगड़िया ने कहा मुझे लगा कि कुछ दुर्घटना हुई तो हमारा तो जो होगा तो होगा। पूरे देश पर बुरी परिस्थिति खड़ी हो जाएगी। मैं इन्हीं कपड़ों में बाहर निकला।वहां मैंने मैंने कहा कि मैं कार्यालय जा रहा हूं। ऑटो रिक्शा रोका। नजदीक जो कार्यकर्ता थे, उन्हें बैठाकर निकला।राजस्थान के सीएम और पुलिस कमिश्नर से संपर्क किया। उन्होंने कहा- हमारी पुलिस नहीं निकली। मैंने फोन स्विच ऑफ कर दिया।

एक व्यक्ति के घर गया। वहां से दूसरे फोन से राजस्थान पुलिस की जानकारी हासिल की। वहां मेरे खिलाफ एक भी केस नहीं था। पता चला कि वे अरेस्ट वारंट लेकर आए हैं।अगर मैं राजस्थान पुलिस के सामने आता तो मेरे खिलाफ लंबे समय से षड्यंत्र हो रहा था। मैंने तय किया कि जयपुर जाकर कोर्ट में जाऊंगा।

मैं अकेला ऑटो रिक्शा में कुछ दूर गया। चक्कर और पसीना आने लगा। मैंने कहा- हॉस्पिटल पहुंचाओ। रात को 10-11 बजे पता चला कि मैं हॉस्पिटल में था। पल्स 140 थी।जब डॉक्टर अनुमति देंगे। न्यायालय के सामने समर्पण करूंगा। मैं न्यायालय से कभी भागा नहीं।मेरी गुजरात या राजस्थान पुलिस से कोई शिकायत नहीं है। मैं बस यह जानना चाहता हूं कि आप मेरे कमरे की तलाशी लेने क्यों जा रहे थे।

मेरे रूम में कानून विरुद्ध कोई संपत्ति नहीं है। मैं क्राइम ब्रांच से प्रार्थना करूंगा कि वो राजनीतिक दबाव में ना आएं। किसी के विरुद्ध कम्प्लेन नहीं है। मेरा जीवन रहे न रहे, राम मंदिर, गौ-रक्षा और किसान के लिए काम करता रहूंगा। मैं संपत्ति और समद्धि छोड़कर निकला हूं। मेरी आवाज दबाने का प्रयास न हो।

तोगड़िया के खिलाफ राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सेशंस कोर्ट में करीब 10 साल पुराना निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला दर्ज है। उनके खिलाफ इस मामले में गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसी को लेकर वहां की पुलिस सोमवार को सुबह करीब 10 बजे सोला इलाके में तोगड़िया के घर पहुंची थी। इसके बाद से ही वो रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे।

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