जल आपूर्ति के लिए दिल्ली सरकार लगभग Rs2300 करोड़ की राशि खर्च करने पर विचार कर रही है.अनधिकृत कालोनी के साथ कटरों व झुग्गी बस्तियों में भी सीवर लाइन व पेय जल प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा.इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पिछले बजट की तुलना में जल आपूर्ति के बजट में वर्ष 2016-17 के लिए लगभग Rs900 करोड़ की बढ़ोतरी की संभावना है. दिल्ली सरकार सोमवार को बजट पेश करेगी जिसमें इस योजना का खुलासा किया जाएगा. साथ ही ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर मैली से निर्मल यमुना बनाने की योजना को बजट में शामिल करने की संभावना है तथा इसपर Rs500 करोड़ का आवंटन संभव है.
दिल्ली सरकार ने पिछले बजट में जल आपूर्ति के लिए Rs499 करोड़ का आवंटन किया था जिसे बढ़ाकर Rs1200 करोड़ किए जाने की संभावना है, यानि बजट में इस मद में Rs700 करोड़ की वृद्धि संभावित है. इसी प्रकार पिछले बजट में सीवर लाइन को बेहतर बनाने हेतु Rs969 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब Rs1143 करोड़ किए जाने की संभावना है. कुल मिलाकर दिल्ली सरकार जल आपूर्ति व सीवर लाइन को बेहतर करने पर लगभग 2374 करोड़ की राशि खर्च करने की तैयारी कर रही है. राजधानी में जल आपूर्ति में सुधार के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना है.
राजधानी में लगभग 60 लाख आबादी अनधिकृत कालोनी में रहती है इसलिए दिल्ली सरकार ने बजट में यहां पेय जल आपूर्ति को बेहतर बनाने पर जोर दिया है. जल आपूर्ति के अलावा अनधिकृत कालोनी में सीवर लाइन भी बिछेगी जिसके लिए पिछले बजट में Rs195 करोड़ का प्रावधान किया गया था जिसे बढ़ाकर Rs300 करोड़ किया जाना संभव है. साथ ही शहरी गांव व ग्रामीण इलाकों में सीवर लाइन बनाने पा जोर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना को भी बजट में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है तथा नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की भी योजना है. कुछ महीने पूर्व ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मैली से निर्मल यमुना बनाने का निर्देश दिया था. इसे लागू करने के लिए बजट में Rs500 करोड़ खर्च करने के प्रावधान पर सरकार विचार कर रही है. इसपर निर्णय अभी नहीं हो पाया है. पूरी सीवर योजना पर Rs1143 करोड़ की राशि खर्च करने पर विचार किया जा रहा है.
राजधानी के गांवों में जलापूर्ति बड़ी समस्या है इसलिए यहां टय़ूबवेल लगाने का प्रावधान किया जाएगा. जलापूर्ति में क्वालिटी कंट्रोल पर जोर दिया जाएगा तथा पानी की सप्लाई के लीक होने पर इसे जल्द ठीक करने पर जोर रहेगा. पल्ला में जल से अत्यधिक लौह की मात्रा को कम करने का प्लांट लगाने पर विचार किया जा रहा है. इस वर्ष बेहतर जलापूर्ति दिल्ली सरकार के बजट का प्रमुख हिस्सा बन सकता है.