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गुरमीत राम रहीम की पहली पत्नी हरजीत कौर जेल पहुंची उनसे मिलने

गुरमीत राम रहीम से पहली बार मिलने उसकी पत्नी हरजीत कौर पहुंची। पत्नी को देखते ही गुरमीत राम रहीम रोने लगा। इस दौरान राम रहीम का बेटा जसमीत, उसकी पत्नी हुस्नप्रीत, बेटी चरणप्रीत, दामाद रूह-ए-मीत भी साथ थे। ये मुलाकात एक घंटा 20 मिनट चली।सोमवार दोपहर 3:15 बजे चार गाड़ियों के काफिले के साथ राम रहीम के घर वाले जेल पहुंचे।

नाके पर इनसे पूछताछ भी की गई। घर वाले गुरमीत को कपड़े, कैंटीन खर्च के लिए पैसे और दिवाली की मिठाई देने आए थे। गुरुवार को वे एक बार फिर उससे मिलने के लिए आएंगे। इस बार मां नसीब कौर भी सकती हैं।जानकारों ने बताया कि जेल के अंदर जाली के बीच से गुरमीत की घर वालों से मुलाकात करवाई गई।

सबसे पहले गुरमीत की पत्नी हरजीत कौर मिलने के लिए गई। उसे देखते ही गुरमीत भावुक हो गया। इसके बाद उसने घर के एक-एक सदस्य से मुलाकात की। बातचीत के दौरान उसने डेरे के बारे में भी पूछा।9 अक्टूबर को भी राम रहीम की फैमिली मिलने के लिए सुनारियां जेल पहुंची थी। उस दिन उसके घर वाले करीब 80 मिनट तक जेल में रहे थे। 

उस दौरान राम रहीम की मां नसीब कौर, बेटा जसमीत, बेटी अमरप्रीत और दामाद शान-ए-मीत मौजूद थे।राम रहीम को जेल जाने के बाद सबसे पहले उसकी मां नसीब कौर मिलने पहुंची थी।राम रहीम के घर वाले हर बार बड़ी मात्रा में खाने-पीने का सामान लेकर जाते हैं।फ्रूट, ड्राई फ्रूड, राम रहीम के कपड़े और खाने का दूसरा सामान हर बार पॉलिथीन बैग में भरकर ले जाया जाता है।

गुरमीत राम रहीम ने जेल एडमिनिस्ट्रेशन को मां नसीब कौर, बेटे जसमीत सिंह, बेटी चरणप्रीत, अमरप्रीत और हनीप्रीत, बहू हुस्नप्रीत, दामाद शान-ए-मीत और रूह-ए-मीत, डेरा मैनेजमेंट की अफसर विपासना और दान सिंह से मिलने की इच्छा जताई थी।अभी तक विपासना, हनीप्रीत और दान सिंह को छोड़कर बाकी सब मिल चुके हैं।

दो रेप केस में राम रहीम को CBI की स्पेशल कोर्ट ने 28 अगस्त को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने राम रहीम पर कुल 30 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसमें 15-15 लाख रुपए का जुर्माना दो रेप केस के लिए है। इनमें से 14-14 लाख रुपए दोनों रेप विक्टिम साध्वियों को हर्जाने के रूप में देने होंगे।

25 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने पंचकूला में डेरा चीफ को दो रेप केस में दोषी करार दिया था। जैसे ही डेरा चीफ को कोर्ट ने दोषी करार दिया तो उसके समर्थक भड़क गए थे। उन्होंने पंचकूला, सिरसा, कैथल, फतेहाबाद और पानीपत में तोड़फोड़ और आगजनी की थी। घटना में 38 लोगों की मौत हुई थी। 264 घायल हुए थे। हिंसा के बाद पुलिस ने 926 लोगों को अरेस्ट किया था।

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