दलित स्टूडेंट रोहित वेमुला के सुसाइड के मुद्दे पर राज्यसभा में एक बार फिर स्मृति ईरानी और मायावती आमने-सामने नजर आईं। शुक्रवार को दिए स्मृति के जवाब पर मायावती को एतराज था। राज्यसभा के बाद संसद परिसर में मीडिया से बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, ‘‘मैं मंत्री के जवाब से 1% भी सहमत नहीं हूं। अब उनको अपना सिर कलम करके मेरे कदमों में डाल देना चाहिए।’’ उधर, रोहित के दोस्त ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि स्मृति ने संसद में झूठ बोला था।
एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ने कहा- ‘‘जो जस्टिस जांच कमेटी में चुने गए हैं, वे यूपी में 2010 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज थे। उस वक्त वहां मायावती जी वहां सीएम थीं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें जांच कमेटी में रखे जाने पर मायावती जी को कोई एतराज होगा।मायावती ने कहा- ‘‘जांच कमेटी में शामिल जज दलित हैं या नहीं, इसका जवाब नहीं मिला। रोहित का मामला उठाया था, तभी लग रहा था कि अगर एचआरडी मिनिस्ट्री ने दलित सदस्य को रखा होता तो उसी दिन बताते। सच्चाई यही है कि कोई दलित सदस्य नहीं है। उस दिन इन्होंने इधर-उधर की बात की। आज भी सही जवाब नहीं दिया।
जिस अकेले जस्टिस अशोक कुमार की बात कर रहे हैं, वे अपर कास्ट से आते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अनुसूचित जाति से नहीं हैं। यह मिनिस्ट्री की दलित विरोधी मानसिकता को बताता है। आरएसएस के कट्टर समर्थक लोग वहां हैं। वो इस केस से जुड़े हैं।वे (स्मृति) इसका नाटक करने की बजाय रोहित के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दे देतीं तो ज्यादा अच्छा होता।उन्होंने कहा था कि जवाब से संतुष्ट न हों तो सिर काटकर रख दूंगी। जिसे याद दिलाते हुए मेरा कहना है कि क्या अब वे अपने वादे को पूरा करेंगी?
स्मृति ने कहा, ‘‘मैंने वो चुनौती बसपा के कार्यकर्ताओं को चुनौती दी थी कि अगर चाहें तो मेरा सिर काटकर ले जाएं। मैं बसपा के सभी कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करती हूं कि आएं और सिर काटकर ले जाएं अगर हिम्मत है। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी। लेकिन ये (मायावती) इस बात का संकेत दे रही हैं कि इनकी इच्छा न्याय में नहीं राजनीति में है।
तीखी बहस के बीच मायावती ने कहा, ‘‘24 फरवरी को मेरे और विपक्ष के अन्य सदस्यों के साथ इनका (स्मृति का) व्यवहार कोई बहुत अच्छा नहीं था। जिसके लिए मंत्रीजी ने कल मुझसे लॉबी में आकर माफी भी मांगी थी और आपसे बड़े होने के नाते मैंने कल आपको माफ भी कर दिया है।इस पर स्मृति ने कहा, ‘‘मायावतीजी ने कल लॉबी में आकर क्या कहा, अगर यह मैं देश के सामने कह दूं तो उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ी तकलीफ हो जाएगी।
मायावतीजी ने हाथ जोड़कर मुझसे कहा कि जो तुमने लोकसभा में कहा, अगर मुझसे पहले कह देती तो मैं इस मुद्दे पर राज्यसभा में आक्रमण नहीं करती। आपने मेरा हाथ पकड़कर बोला कि काश, जो मुद्दे तुमने लोकसभा में रखे वो पहले बता देती तो मैं तुम्हारे खिलाफ मुर्दाबाद के नारे नहीं लगवाती। इन्होंने कहा कि कोई बात नहीं बेटा! ये राजनीति है। छोड़ दो। आगे बढ़ो।’रोहित के दोस्त विजय ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘‘स्मृति ईरानी ने संसद में झूठ बोला। यूनिवर्सिटी ने जो 11 मेंबर अप्वाइंट किए थे। उनमें कोई एससी-एसटी कम्युनिटी से नहीं था। स्मृति ईरानी झूठ फैला रही हैं।’’
आंध्र प्रदेश के गुंटूर का रहने वाला दलित स्टूडेंट रोहित सोशियोलॉजी में हैदराबाद यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट कर रहा था।रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित और आंबेडकर यूनियन के पांच दलित स्टूडेंट्स पर एबीवीपी के एक एक्टिविस्ट पर अगस्त में हमला करने का आरोप लगा था।यूनिवर्सिटी ने 21 दिसंबर को रोहित के हॉस्टल में जाने पर बैन लगा दिया।इसके बाद 17 जनवरी को रोहित ने फांसी लगा ली।
एचआरडी मिनिस्ट्री ने इस मामले में जांच कमेटी का एलान किया।इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस अशोक कुमार रूपनवाल की चेयरमैनशिप में जांच कमेटी बनाई। वे 3 महीने में रिपोर्ट सौपेंगे।जेएनयू में महिषासुर दिवस पर स्मृति ईरानी के बयान पर शुक्रवार को संसद में हंगामा हुआ।कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने ईरानी से अपने बयान पर माफी मांगने को कहा। विपक्ष ने एचआरडी मिनिस्टर के बयान को संसद की कार्यवाही से हटाने की भी मांग की।
स्मृति ने कहा कि मैं खुद दुर्गा की पूजा करती हूं।स्मृति बोलीं, “मैं खुद मां दुर्गा की पूजा करती हूं। मैंने यह बहुत दुखी मन से कहा था।स्मृति ईरानी ने कहा कि मैंने यहां जो भी पढ़ा, वे जेएनयू के ऑफिशियल डॉक्युमेंट्स हैं। ये सरकार के पेपर नहीं हैं।सीपीएम के सीताराम येचुरी ने भी स्मृति ईरानी से मां दुर्गा का अपमान करने वाला बयान वापस लेने की मांग की।जेडीयू के नेता अली अनवर ने कहा कि रोजाना कई पैम्फलेट्स बांटे जाते हैं, तो क्या राज्यसभा में सभी को पढ़कर लोगों के सेंटीमेंट को हर्ट किया जाएगा।
जवाब में बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा – “जेएनयू में जो हो रहा था, वो देश के खिलाफ था।गुलाम नबी आजाद बोले- “दुनिया भर में इस तरह के विवादास्पद पर्चे बंटते हैं, पर हम उन्हें संसद में नहीं पढ़ते।आजाद ने कहा कि इसे संसद की कार्रवाई से निकाल देना चाहिए।स्मृति ईरानी ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा सबूत के लिए किया।जेडीयू के केसी त्यागी ने भी ऐसी ही मांग की।शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के आनंद शर्मा ने स्मृति ईरानी से माफी की मांग की।
कांग्रेस ने साफ कहा है कि यदि मिनिस्टर अपने बयान को वापस नहीं लेती हैं, तो वह सदन की कार्यवाही नहीं चलने देगी।उधर, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में अफजल गुरु पर चिंदबरम के बयान को लेकर चर्चा करने का नोटिस दिया है। बता दें कि चिंदबरम ने कहा था कि उसे (अफजल) फांसी देने का फैसला सही नहीं था।केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस को दो अहम मुद्दों पर सफाई देनी चाहिए। पहला इशरत जहां और दूसरा अफजल गुरु।
राज्यसभा में गुरुवार को जेएनयू विवाद और रोहित वेमुला सुसाइड केस पर बहस चल रही थी।इस दौरान स्मृति ईरानी ने जेएनयू में महिषासुर जयंती पर हुए एक प्रोग्राम का हवाला दिया।उन्होंने कहा कि जेएनयू में मां दुर्गा और महिषासुर के विषय में आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए थे।स्मृति इस पोस्टर और पैम्फलेट के कंटेंट को पढ़कर सुनाने लगीं। इस पर लेफ्ट और विपक्षी मेंबर्स ने हंगामा शुरू कर दिया।इसके बाद सदन के कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई।
पार्लियामेंट का बजट सेशन दो फेज में होगा। पहला 23 फरवरी से 16 मार्च और दूसरा 25 अप्रैल से 13 मई तक।25 फरवरी को रेल बजट, 26 फरवरी को इकोनॉमिक सर्वे और 29 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा।बजट सेशन में 32 बिल लाए जाने हैं।जीएसटी बिल, व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन बिल (संशोधित) और इंडस्ट्रीज (डेवलपमेंट एंड रेग्युलेशन) संशोधन बिल मुख्य हैं।इसके अलावा कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, बेनामी ट्रांजैक्शन्स (संशोधित) बिल, लैंड एक्विजिशन बिल और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (संशोधित) बिल जैसे अहम बिल संसद में अटके हुए हैं।