आज भी देशभर के अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, मुंबई हर जगह डॉक्टर्स पश्चिम बंगाल मामले पर आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. वहीं, दिल्ली में आज भी AIIMS समेत 18 से ज्यादा बड़े अस्पतालों के लगभग 10 हजार डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान किया है.
डॉक्टर्स असोसिएशन ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगों पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दे रहे हैं. अगर सरकार नाकाम रहती है तो हमें एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा.
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मल्ही ने कहा है कि सभी रेजिडेंट डॉक्टर काम पर वापस आ गए हैं, लेकिन हम काले बैज, पट्टियाँ और हेलमेट पहनकर सांकेतिक विरोध जारी रखेंगे.हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य सचिवालय में शाम बुलायी गई बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.
देश के 19 राज्यों के डॉक्टरों ने एक साथ मिलकर 17 को पैन इंडिया स्ट्राइक की घोषणा की है और इसकी जानकारी सभी ने अपने-अपने राज्यों को दे दी है.देश के 19 राज्यों के डॉक्टरों ने एक साथ मिलकर 17 को पैन इंडिया स्ट्राइक की घोषणा की है और इसकी जानकारी सभी ने अपने-अपने राज्यों को दे दी है.
हड़ताल के कारण मरीजों और उनके तिमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं जारी हैं. मरीजों का कहना है कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी बंद है, जिससे काफी फर्क पड़ रहा है.
बंगाल के डॉक्टरों को देशभर के अस्पतालों का समर्थनदिल्ली के एम्स, सफदरजंग अस्पताल, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, यूनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया (यूआरडीए) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने डॉक्टरों को सुरक्षा देने की मांग का समर्थन किया है.
डॉक्टरों के इन संगठनों ने हर्षवर्धन को पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा को लेकर ज्ञापन दिया है.एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक एम्स में शुक्रवार को लगभग 645 छोटी और बड़ी सर्जरी होनी थीं. हड़ताल की वजह से इमरजेंसी को छोड़कर अधिकतर सर्जरी रद्द हो गईं.
एम्स की तरह की देश के कई अस्पतालों में मरीजों का यही हाल है. मरीज बिना इलाज के तड़प रहे हैं और डॉक्टर हड़ताल में लगे हुए हैं. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से हिंदुस्तान के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है. पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर लोगों को इलाज न मिलने से कई तरह की परेशानी हो रही है.