सुप्रीम कोर्ट व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर नौ जुलाई को सुनवाई करने पर राजी हो गया है.मध्य प्रदेश में बहुचर्चित व्यापम घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दवाब बनाते हुए कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा पिछले हफ्ते खटखटाया। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय में ऐसे समय में याचिका दायर की है जब इस मामले में कम से कम 24 अभियुक्तों और गवाहों की अब तक रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो जाने के साथ यह मामला और पेचीदा हो गया है। उस समय कुछ खबरों में ऐसी मौतों की संख्या 40 तक होने का दावा किया गया।
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि फिलहाल घोटाले की जांच कर रही राज्य पुलिस के विशेष जांच दल ने मामले में इसकी व्यापकता और पुलिस, सिविल सेवा एवं न्यायपालिका के शीर्ष अधिकारियों और साथ ही साथ भाजपा नेताओं की कथित संलिप्तता के चलते अपनी ‘लाचारी’ जाहिर की है। उन्होंने इस तथ्य को देखते हुए सख्त कारवाई किये जाने की मांग की कि यह मामला लंबी अवधि के दौरान राज्य सरकार की सेवाओं में कोई एक लाख तीस हजार नियुक्तियों से जुड़ा है जिसके लिए एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। सिंह ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला महज 130 शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं को लेकर जेल में हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक बार पहले भी वह इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे उस वक्त अदालत ने यह माना था कि एसआईटी मामले को देख रही है।