व्यापमं घोटाले में सीबीआई के एमपी से यूपी तक छापे

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मध्‍य प्रदेश के व्यापमं घोटाले, जिसका नाम बदल कर अब प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया है, में हुए घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को बड़ी रेड डाली गई। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर जांच अपने हाथों में लेने के बाद सीबीआई ने पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी की कई टीमों ने गुरुवार को एक साथ करीब 40 जगहों पर छापे मारे। भोपाल, इंदौर, लखनऊ, विदिशा, रीवा, जबलपुर, उज्जैन, इलाहाबाद सहित कई शहरों में छापेमारी हुई। सीबीआई ने मध्‍य प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के सिंरोज स्थित घर पर भी छापा मारा।

सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल लगातार छापे मारने गई टीम के संपर्क में थे और इससे जुड़ी डिटेल हेड ऑफिस भेजते रहे। सीबीआई की टीम बुधवार रात ही अलग-अलग शहरों में पहुंच गई थी और सुबह उन्‍होंने कार्रवाई शुरू कर दी।मध्‍य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव के लखनऊ स्थित घर और पेट्रोल पम्प पर छापा मारा गया। शैलेष की कुछ महीने पहले संदिग्‍ध हालात में मौत हो गई थी।

राज्यपाल के ओएसडी रहे धनराज यादव के एक रिश्तेदार के यहां इलाहाबाद में छापामारी की गई। क्‍वेश्‍चन पेपर हल करने वाले दो लोगों के घर भी सर्चिंग हुई।सिरोंज(विदिशा) में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के घर और जगदीश सागर के इंदौर स्थित घरके अलावा भिंड और कानपुर में भी छापा मारा गया।भोपाल में व्यापमं दफ्तर के अलावा नितिन महिंद्रा, भरत मिश्रा, संजीव सक्सेना और सुधीर शर्मा के घरों पर छापे मारे गए।

इंदौर में डॉ. विनोद भंडारी और उनके मैनेजर रघुवंशी के अलावा पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, जबलपुर में संतोष गुप्ता, और छतरपुर में सुधीर राय के ठिकानों सहित कई जगहों पर छापामारी हुई।सीबीआई को व्यापमं घोटाले की जांच का जिम्मा जुलाई में सौंपा गया था। इसके लिए 40 अफसरों की टीम बनाई गई है। इस टीम को असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अफसर और सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी अग्रवाल लीड कर रहे हैं। गुरुवार को छापामारी करने वाली टीमों में कई महिला अफसर भी शामिल थीं।

व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन पदों की भर्तियां करता है, जिनकी भर्तियां म.प्र. लोक सेवा आयोग नहीं करता। इसके तहत प्री-मेडिकल टेस्ट, प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं। घोटाला उस वक्त सामने आया जब कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स, ट्रैफिक पुलिस और सब इंस्पेक्टरों की भर्ती परीक्षा के अलावा मेडिकल एग्जाम में ऐसे लोगों को पास किया गया, जिनके पास एग्जाम में शामिल होने तक की योग्यता नहीं थी। सरकारी नौकरियों में करीब हजार से ज्यादा और मेडिकल में 500 से ज्यादा भर्तियां शक के घेरे में हैं।व्यापमं की ओर से हुई प्री-मेडिकल टेस्ट में गड़बड़ी के सिलसिले में कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी थीं। लेकिन जुलाई 2013 में यह घोटाला बड़े रूप में तब सामने आया, जब इंदौर क्राइम ब्रांच ने जगदीश सागर की गिरफ्तारी की। सागर के घर से कई करोड़ रुपए कैश बरामद हुए थे। 

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