बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में प्रदेश के पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को आज सुबह यहां केन्द्रीय जेल से रिहा किया गया। 18 दिसंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शर्मा को राहत देते हुए व्यापमं के आरक्षक भर्ती घोटाले मामले में जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये थे। केन्द्रीय जेल के बाहर आज सुबह से ही बड़ी संख्या में उनके समर्थकों का जमावाड़ा लगा रहा। जेल से निकलने के बाद शर्मा पहले हनुमान मंदिर और शनि मंदिर गये और बाद में अपनी मां से मिलने भोपाल स्थित घर पहुंचे। इसके बाद बड़ी संख्या में उनके गृह नगर सिंरोज से आये समर्थकों के साथ पूर्व मंत्री सिंरोज और विदिशा के लिये रवाना हो गये।
जेल से बाहर आकर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे न्याय पर विश्वास है, उन सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने मेरा साथ दिया।’ 18 दिसंबर को न्यायाधीश एस. केमकर एवं न्यायाधीश के.के. त्रिवेदी की युगलपीठ ने उन्हें आरक्षक भर्ती घोटाले मामले में जमानत दी थी। युगलपीठ ने पांच लाख रूपये के निजी मुचलके पर पूर्व मंत्री शर्मा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये थे। वह जून 2014 से न्यायिक हिरासत में थे।