मुंबई आतंकी हमलों के दोषी डेविड कोलमैन हेडली की मुंबई के कोर्ट में गवाही शुरू हो गई है। उससे सवाल-जवाब अमेरिका की एक जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रहे हैं। इस दौरान उसने कबूल किया है कि पाकिस्तान आर्मी के मेजर साजिद मीर ने ही उसे भारत जाने और रेकी करने को कहा था। उसी ने हेडली से अपना नाम बदलने को कहा था। बता दें कि 11 दिसंबर को कोर्ट ने हेडली को कुछ शर्तों के साथ माफी देते हुए गवाह बना दिया।
“साजिद चाहता था कि मैं भारत में बिजनेस खड़ा करूं।”मैंने अपना नाम बदला ताकि मैं भारत में एंट्री कर सकूं। मैं भारत में अमेरिकी नाम से प्रवेश करना चाहता था।”मैने नाम बदलने के कुछ हफ्ते बाद, फिर पाकिस्तान का दौरा किया था।”उसके बाद मैंने यह जानकारी साजिद मीर को दी थी। बताया जाता है कि साजिद पाकिस्तान आर्मी का मेजर है और लश्कर से जुड़ा हुआ है।”
मैं लश्कर का सच्चा फॉलोअर था।भारत आने के पहले ही साजिद ने उसके मंसूबों के बारे में मुझे साफ कर दिया था।नया पासपोर्ट मिलने के बाद मैं 8 बार भारत आया था। 7 बार मुंबई आया। पासपोर्ट बनाने में साजिद ने ही मदद की थी.साजिद ने मुझे मुंबई का सामान्य वीडियो बनाने को कहा था। और कई जगहों की रेकी कर जानकारी जुटाने को बोला था।”
मैं 7 बार भारत सीधा पाकिस्तान से आया था और और एक बार यूएई से।26/11 हमले के बाद मैं 7 मार्च 2009 को मुंबई आया था। तब मैंने यह विजिट लाहौर से दिल्ली का किया था। मैंने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी।जुंदाल के वकील ने गवाही रोकने की मांग कीप्रॉसिक्यूटर उज्ज्वल निकम हेडली से हमले के बारे में जानकारी ले रहे है। एनआईए के अफसर भी कोर्ट में मौजूद हैं।
अबु जुंदाल के वकील ने स्पेशल कोर्ट से हेडली की गवाही रोकने की मांग की। कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी है।हेडली के वकील राम जेठमलानी भी कोर्ट में मौजूद हैं।सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम के मुताबिक, यह कार्यवाही दोपहर 12.30 तक चल सकती है।
अभी तक क्या बता चुका है हेडली?भारत और अमेरिका सरकार के बीच हुए समझौते के तहत हेडली की पेशी हो रही है।
मुंबई पुलिस 26/11 हमला मामले में हेडली से पूछताछ कर पाकिस्तान के स्टेट एक्टर्स, पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई के इन्वॉल्वमेंट के बारे में जानकारी हासिल करना चाहती है।इस पेशी से पहले भी, हेडली कबूल कर चुका है कि हमला लश्कर ने ही अंजाम दिया था। वह पांच बार मुंबई दौरे की बात भी कबूल कर चुका है।अमेरिका में हेडली से की गई पूछताछ में वह भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसी के अफसरों को यह बता चुका है कि 26/11 में पाकिस्तानी आर्मी के तीन सीनियर अफसर शामिल थे। हालांकि, पहले उसने इन अफसरों के नामों के बारे में खुलासा नहीं किया था।
पाक आर्मी के इन्हीं तीन अफसरों के नाम अबु जुंदाल ने भी कबूल किए थे।पाकिस्तान आरोपों से इनकार करता रहा है। इस मामले में जकी-उर-रहमान लखवी के खिलाफ पाकिस्तान में सात साल से मामले की सुनवाई चल रही है।लखवी को कुछ महीने पहले पाकिस्तान की एक कोर्ट ने बेल दे दी थी। भारत ने इस पर नाराजगी जताई थी।
मुंबई में विशेष अदालत ने 10 दिसंबर, 2015 को 26/11 आतंकी हमलों के मामले में हेडली को वादा माफ गवाह बनाते हुए उसे 8 फरवरी को कोर्ट के सामने पेश होने के ऑर्डर दिए थे।हेडली को कुछ शर्तों के साथ माफी देते हुए मामले में अप्रूवर बनाया गया था।
अमेरिका में मिली 35 साल की सजाअमेरिकी कोर्ट हेडली को 26/11 आतंकी हमलों की साजिश रचने और आतंकियों को मदद पहुंचाने का दोषी ठहरा चुकी है। कोर्ट ने उसे 35 साल की सजा दी है।
कौन है डेविड हेडली?
55 साल का दाऊद सैयद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली पाकिस्तानी मूल का नागरिक है। वह अमेरिकी जेल में बंद है।वह 2002 से 2005 के बीच पाकिस्तान में लश्कर के कैम्प में ट्रेनिंग ले चुका था।हेडली 2006 से 2008 के बीच पांच बार भारत आया। उसने आतंकियों की मदद कम करने के मकसद से मुंबई हमलों के लिए कई टारगेट्स की रेकी की थी।उसने ताज, ओबरॉय और नरीमन हाउस जैसी जगहों के वीडियो फुटेज भी तैयार किए थे।
इस रेकी के बाद उसने पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों और उनके आकाओं को टारगेट्स के बारे में जानकारी दी।हेडली की तरफ से टारगेट्स की लोकेशन मिलने के बाद ही 10 पाकिस्तानी आतंकी 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में घुसे थे। उनके हमलों में 165 लोगों की जान गई थी।हेडली इससे पहले डेनमार्क के कोपेनहेगन में अखबार ‘Jyllands-Posten’ की रेकी करने का भी आरोपी है।पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में विवादित कार्टून छापे जाने के बाद इस अखबार के दफ्तर पर हमला हुआ था।हेडली को 2009 में शिकागो से अरेस्ट किया गया था।